भारतीयों को हर दिन मिलते हैं इतने फेक मैसेज! ये वाला तो क्लिक करते ही अकाउंट खाली कर देता है
Advertisement
trendingNow11951400

भारतीयों को हर दिन मिलते हैं इतने फेक मैसेज! ये वाला तो क्लिक करते ही अकाउंट खाली कर देता है

अमेरिकी सिक्योरिटी कंपनी McAfee ने एक ग्लोबल रिसर्च की है, जिसके मुताबिक साल 2023 में AI-जनरेटेड फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अगर कोई मोबाइल यूजर इन मैसेज या कॉल का झांसा खा जाता है, तो वह अपने बैंक खाते का पैसा गंवा सकता है. 

भारतीयों को हर दिन मिलते हैं इतने फेक मैसेज! ये वाला तो क्लिक करते ही अकाउंट खाली कर देता है

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल अब मोबाइल यूजर्स को ठगने के लिए किया जा रहा है. AI से जनरेटेड मैसेज और कॉल को पहचानना मुश्किल है, जिससे मोबाइल यूजर्स बैंकिंग फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं. अमेरिकी सिक्योरिटी कंपनी McAfee ने एक ग्लोबल रिसर्च की है, जिसके मुताबिक साल 2023 में AI-जनरेटेड फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अगर कोई मोबाइल यूजर इन मैसेज या कॉल का झांसा खा जाता है, तो वह अपने बैंक खाते का पैसा गंवा सकता है. इसलिए, मोबाइल यूजर्स को AI-जनरेटेड मैसेज और कॉल से सावधान रहने की जरूरत है.

भारतीयों को हर दिन मिलते हैं 12 फेक मैसेज

हर दिन हर भारतीय को औसतन 12 फेक मैसेज मिलते हैं. इन मैसेज से भारतीयों को भारी नुकसान हो रहा है. एक सर्वे के मुताबिक, 82% भारतीय फेक मैसेज का शिकार हो जाते हैं. इनमें से 64% फेक जॉब नोटिफिकेशन और ऑफर से जुड़े होते हैं. 52% मैसेज बैंक अलर्ट से जुड़े होते हैं. रिपोर्ट की मानें तो, 60% भारतीय फेक मैसेज की पहचान नहीं कर पाते हैं और इसकी एक वजह AI टूल है.

सबसे ज्यादा कौन से मैसेज आते हैं

प्राइज जीतने के मैसेज 72 %
फेस जॉब नोटिफिकेशन ऑफर 64 %
बैंक अलर्ट मैसेज  52 %
नेटफ्लिक सब्सक्रिप्शन प्लान  35 %
फेक मिस्ड डिलीवरी नोटिफिकेशन  29 %

भारत में हर हफ्ते करीब 105 मिनट फेक मैसेज को वेरिफाई करने में खर्च किए जाते हैं. यह समय एक घंटे से भी ज्यादा है. फेक मैसेज का सबसे आम तरीका ईमेल और टेक्स्ट है. इनके माध्यम से करीब 90% फेक मैसेज भेजे जाते हैं। सोशल मीडिया से भेजे जाने वाले मैसेज की संख्या 84% है.

कैसे बचें

- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले, उसके बारे में सोचें. लिंक कहां जाता है? क्या आप उस वेबसाइट या ऐप को जानते हैं? अगर नहीं, तो लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें.
- स्कैम प्रोटेक्शन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें. यह सॉफ्टवेयर आपको नकली संदेश और लिंक की पहचान करने में मदद कर सकता है.
- खतरनाक मैसेज और लिंक को ब्लॉक करें और उसकी रिपोर्ट करें. यदि आपको कोई संदिग्ध संदेश या लिंक मिलता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और उसकी रिपोर्ट करें.

Trending news