MIRV: पीएम मोदी ने भारत की स्वदेशी मिसाइल क्षमताओं को और भी आगे ले जाने में मिशन 'दिव्यास्त्र' की जरूरत के बारे में बताते हुए डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा डेमेन्स्ट्रेट किए गए टेक्निकल स्किल को लेकर गर्व जताया है.
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Agni 5 Missile: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस भारत में तैयार की गई अग्नि -5 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण को मार्क करते हुए, मिशन दिव्यास्त्र के सफल ऑपरेशन के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की जमकर तारीफ की है.
पीएम मोदी ने भारत की स्वदेशी मिसाइल क्षमताओं को और भी आगे ले जाने में मिशन 'दिव्यास्त्र' की जरूरत के बारे में बताते हुए डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा डेमेन्स्ट्रेट किए गए टेक्निकल स्किल को लेकर गर्व जताया है. एमआईआरवी तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल की सफल परीक्षण उड़ान देश की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
क्या बोले पीएम
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, "मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण. "
क्या है MIRV तकनीक जिसका देश को मिलेगा फायदा
MIRV का मतलब है मल्टीपल इंडिपेंडेंटली-टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (Multiple Independently-targeted Reentry Vehicle) होता है. यह एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल लंबी दूरी की मिसाइलों में किया जाता है. इस तकनीक के तहत एक मिसाइल में कई अलग-अलग वारहेड (warhead) ले जाने की क्षमता होती है. हर वारहेड को अलग-अलग लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है. या फिर एक ही लक्ष्य को एक साथ कई वारहेड से निशाना बनाया जा सकता है.
आसान भाषा में समझें क्या है MIRV तकनीक
आसान शब्दों में, MIRV वाली मिसाइल एक तीर से कई निशाने साधने जैसी है, यह ध्यान रखना जरूरी है कि MIRV एक विनाशकारी तकनीक है और इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है.
किन देशों के पास है MIRV तकनीक
MIRV तकनीक इस्तेमाल करने वाले देशों की बात करें तो इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.
कैसे काम करती है MIRV तकनीक
MIRV तकनीक तीन मुख्य चरणों में काम करती है:
1. प्रक्षेपण: MIRV मिसाइल को सामान्य तरीके से प्रक्षेपित किया जाता है.
2. वारहेड का सेपरेशन: मिसाइल वायुमंडल में रहते हुए, वारहेड एक दूसरे से अलग हो जाते हैं.
3. इंडिपेंडेंट टार्गेटिंग: प्रत्येक वारहेड अपने लक्ष्य की ओर स्वतंत्र रूप से उड़ता है और उसे नष्ट कर देता है.
यह सब कुछ बहुत तेज़ी से होता है, और लक्ष्य को पता चलने से पहले ही वारहेड उसे नष्ट कर देते हैं.
MIRV तकनीक के काम करने का तरीका इस प्रकार है:
MIRV मिसाइल में कई वारहेड होते हैं, जो एक दूसरे से जुड़े होते हैं.
मिसाइल वायुमंडल में रहते हुए, एक रॉकेट मोटर वारहेड को अलग कर देता है.
प्रत्येक वारहेड अपने लक्ष्य की ओर स्वतंत्र रूप से उड़ता है.
वारहेड अपने लक्ष्य को नष्ट करने के लिए विस्फोट करता है.
MIRV तकनीक के फायदे:
MIRV तकनीक दुश्मन के हवाई सुरक्षा प्रणाली को भेदने में मदद करती है.
MIRV तकनीक एक साथ कई लक्ष्यों को नष्ट करने में मदद करती है.
MIRV तकनीक दुश्मन को डराने में मदद करती है.