वॉट्सएप वैसे तो हर तरह के फीचर्स ऑफर करता है लेकिन जो फीचर्स वह अपने यूजर्स को नहीं दे पाता, वह इन यूजर्स को वॉट्सएप के फर्जी वर्जन्स दे देते हैं. यह थर्ड-पार्टी एप्स किस तरह आपका वॉट्सएप अकाउंट बैन करा सकती हैं, आइए जानें...
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नई दिल्ली. यह कहना गलत नहीं होगा कि वॉट्सएप विश्व की सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली मैसेजिंग एप है. लोग तो इसे पसंद करते ही हैं लेकिन एक कंपनी के तौर पर वॉट्सएप की भी यही कोशिश रहती है कि वह अपने यूजर्स को ज्यादा से ज्यादा फीचर्स दे सके. जहां वॉट्सएप अपने सभी यूजर्स का खास ध्यान रखता है वहीं ऐसी भी स्थितियां हैं जिनमें वॉट्सएप आपके अकाउंट पर हमेशा के लिए ताला लगा सकता है. आइये जानते हैं कैसे...
वॉट्सएप हर संभव कोशिश करता है कि यूजर्स को हर वह फीचर दे सके जो मार्केट में उपलब्ध हो. फिर भी कुछ ऐसे फीचर हैं जो यूजर्स को फिलहाल वॉट्सएप पर नहीं मिल रहे हैं, जैसे, ऑटो-रिप्लाइज, चैट्स को शिड्यूल करना, आदि. यूजर्स इन फीचर्स का मजा उठा सकें, इसलिए मार्केट में कई सारी ऐसी थर्ड-पार्टी एप्स आ गई हैं, जो उपभोक्ताओं को यह फीचर्स दे रही हैं. यह सभी एप्स वॉट्सएप के फर्जी वर्जन हैं और अगर आप इन एप्स का प्रयोग करते हैं, तो वॉट्सएप इसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जिससे आपका अकाउंट हमेशा के लिए ब्लॉक हो सकता है.
वॉट्सएप प्लस और जीबी वॉट्सएप उन तमाम एप्स में से हैं जो वॉट्सएप के यूजर्स को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करती हैं. वॉट्सएप के नकली और फर्जी वर्जन्स, यह एप्स को प्रोत्साहित करताे हैं कि वे अपनी चैट्स को इनके एप पर ट्रांस्फर कर लें और दुर्भाग्यवश कई यूजर्स ऐसा करते भी हैं. इन एप्स की कंपनियां उन सभी फीचर्स को अपने एप में विकसित करती हैं जो वॉट्सएप पर उपलब्ध नहीं हैं ताकी यूजर्स को अपनी ओर खींच सकें और इन्हीं फीचर्स के लालच में कई यूजर्स अपना डाटा इन एप्स पर शिफ्ट कर लेते हैं.
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वॉट्सएप एक विश्वसनीय एप है. वह आधिकारिक रूप से अपने सभी यूजर्स के डाटा और चैट्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है और उस जिम्मेदारी को निभाती भी है. वॉट्सएप को इस बात का बहुत डर है कि यह फर्जी एप्स कुछ ऐसे फीचर तो दे रही हैं जो वॉट्सएप के पास नहीं है लेकिन यूजर की सुरक्षा पर एक प्रश्नचिह्न भी लगा रही हैं.
इन एप्स को एप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर जैसे सुरक्षित प्लेटफॉर्म्स से आधिकारिक तौर पर डाउनलोड नहीं किया जा सकता, इन्हें अलग-अलग वेबसाइट्स के जरिए डाउनलोड करना होता है जो सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देने वाले वॉट्सएप को डर है कि इन एप्स को डाउनलोड करने में यूजर्स के फोन्स में कोई वायरस न घुस जाए.