भारत में एक ऐसा भी गांव है, जहां लोग एक दूसरे को नाम से नहीं, बल्कि ट्यून से बुलाते हैं। यह सुनने में थोड़ा अजीब हो सकता है, लेकिन ऐसा सच है. इस गांव में 700 ट्यून हैं, और हर किसी के लिए अलग-अलग किस्म की ट्यून है.
भारत में मेघालय राज्य में यह अनूठा गांव है, जिसे भारत के व्हिसलिंग गांव के नाम से भी जाना जाता है. यह गांव कोंगथोंग है, जो कि शिलांग से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
जब भी किसी बच्चे या बुजुर्ग को पुकारना होता है, तो वहां ट्यून के जरिए पुकारा जाता है
व्यक्ति को निक नेम के साथ पुकारने के लिए छोटी ट्यून और पूरे नाम के साथ पुकारने के लिए बड़ी ट्यून का प्रयोग होता है
इस गांव दिन-भर अलग-अलग ट्यून गाने की वजह से यहां पर संगीत का माहौल भी बना रहता है, वहीं इस गांव को देखने के लिए देश से नहीं बल्कि विदेश से भी लोग पहुंचते हैं.
गांव के लोगों के बीच यह धारणा है कि जंगल में भूत और आत्मा का वास है. अगर वे किसी का नाम पुकारते और सुनते हैं, तो वह उस व्यक्ति पर अपना बुरा जादू कर देंगे और वह व्यक्ति बीमार पड़ जाएगा. इसलिए गीतों को उनकी रक्षा के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
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