भारत (India) में कई ऐसे शहर हैं, जिन्हें खास रंगों के नाम से जाना जाता है. यहां किसी शहर को पिंक (Pink City), किसी को सफेद और किसी को स्वर्णिम सिटी (Golden City) कहते हैं. इन सभी शहरों के इन जुदा नामों के पीछे का भी अपना इतिहास है. जानिए इन रंगीन शहरों के नाम के पीछे की वजह.
यह प्राचीन शहर महानदी और उसकी काठजुली के संगम पर बसा है. मध्ययुग में यह उड़ीसा (Orissa) की राजधानी थी. मुगलकालीन फिलिग्री कला (Filigree Jewelry) से निर्मित चांदी, हाथी दांत और पीतल के आभूषण इस शहर की धरोहर हैं. ये अद्भुत आभूषण अपनी कलाकृति के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं. इसलिए इसे सिल्वर शहर (Silver City-Cuttack) की कहते हैं.
केरल की राजधानी है तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram). यह केरल का सबसे बड़ा शहर है और इसका इतिहास 1000 ईसा पूर्व से शुरू होता है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) जब यहां यात्रा पर आए तो उन्होंने खुश होकर इस शहर को ‘एवरग्रीन सिटी ऑफ इंडिया’ (Evergreen City Of Udaipur) की उपमा से नवाजा था. तभी से इसे सदाबहार शहर (Evergreen City-Thiruvananthapuram) के रूप में पहचाना जाता है.
महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के पिता महाराणा उदयसिंह (Maharana Udai Singh) ने 1559 में उदयपुर (Udaipur) की स्थापना की थी. खूबसूरत झीलों के कारण इसे 'पूरब का वेनिस' (Venice Of The East) भी कहते हैं. यहां पर ज्यादातर संरचना संगमरमर से की गई है. इसी कारण इस शहर को 'सफेद शहर' (White City-Udaipur) की संज्ञा दी गई है.
कला और संस्कृति के धनी राजस्थान (Rajasthan) के थार रेगिस्तान में स्थित जैसलमेर (Jaisalmer) शहर अपनी डेजर्ट सफारी (Desert Safari) और भव्य किले के लिए विश्व विख्यात है. यहां का किला पीले बलुआ पत्थर से बनाया गया है. जब शाम की रोशनी इस किले पर पड़ती है तो यह किला स्वर्णिम आभा से ढक जाता है. इसी आभा ने इसे सोनार किला बना दिया है. यहां अन्य प्राचीन इमारतें भी इसी पीले बलुआ पत्थर से बनी हुई हैं. इसलिए इसे स्वर्णिम शहर यानी कि गोल्डन सिटी (Golden City-Jaisalmer) कहते हैं.
क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान (Rajasthan) भारत का सबसे बड़ा राज्य है. इसकी राजधानी जयपुर (Jaipur) है. महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय (Sawai Jaisingh Second) ने 1727 में जयपुर शहर की नींव रखी थी और फिर उन्हीं के नाम पर इस शहर का नामकरण भी हुआ. जयपुर को पिंक सिटी (Pink City-Jaipur) कहते हैं. दरअसल 1876 में वेल्स के प्रिंस अल्बर्ट एडवर्ड (Albert Edward) जयपुर आए थे. उनके स्वागत में महाराज रामसिंह ने पूरे शहर को गुलाबी रंग में रंगवाया था. तभी से इस शहर को गुलाबी नगरी (Pink City) के नाम से जाना जाता है. यहां आज भी कई इमारतें गुलाबी हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़