सरकार मोबाइल और इंटरनेट के जरिए देश के दूर दराज में स्थित गावों तक हेल्थ सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रही है. जिसके लिए सरकार आगामी बजट में मोबाइल हेल्थ सेवा के लिए पांच सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का ऐलान कर सकती है.
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नई दिल्ली. आम बजट का दिन नजदीक आ रहा है और जनता के दिल की धड़कनें बढ़ रही हैं. एक तरफ नोटबंदी और GST जैसे सरकार के फैसलों से व्यापारी वर्ग डरा हुआ है, तो दूसरी तरफ टैक्स में रियायत मिलेगी या बोझ बढ़ेगा को लेकर आम जनता परेशान है. उसपर से PM मोदी ने ये साफ कर दिया है कि इस बार लोकलुभावन बजट नहीं पेश किया जाएगा. इसका मतलब तो यह ही है कि ना तो व्यापारी जन के लिए बजट में कुछ खास होगा ना ही आम जनता के लिए. ऐसे में खबरें आ रही हैं कि सरकार आम बजट में मोबाइल हेल्थ सेक्टर को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है.
सरकार का विशेष ध्यान
सूत्रों की मानें तो इस बजट में मोबाइल हेल्थ सर्विसेज को बनाने और बढ़ाने पर सरकार का विशेष जोर रहने वाला है. मोबाइल हेल्थ सर्विसेस का सीधा मतलब है, मोबाइल ऐप के जरिए डॉक्टर से बीमारी के बारे में सलाह लेना और चेक अप कराना.
ये है सरकार का एक्शन प्लान
सूत्र बता रहे हैं कि मोबाइल हेल्थ सेवा के लिए सरकार आगामी बजट में पांच सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का ऐलान कर सकती है. दरअसल सरकार देश के दूर दराज में स्थित गावों तक हेल्थ सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रही है. इसमें मोबाइल हेल्थ सेवा के अलावा हेल्थ कार सेवा भी शामिल है. हेल्थ कार सेवा में चिकित्सा के लिए एक एम्बुलेंस जैसी गाड़ी गांव-गांव तक जया करेगी.
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दरअसल, मोबाइल हेल्थ सर्विसेज के जरिए सरकार दूर दराज के गांव या फिर छोटे शहरों में हेल्थ सेवाएं पहुंचाने की योजना बना रही है. ये बात जगजाहिर है कि छोटे शहरों या फिर गांव में डॉक्टर या हेल्थ सेवाएं ना के बराबर हैं. ऐसे में सरकार मोबाइल हेल्थ सर्विसेज को बढ़ावा देकर देश के कोने-कोने में हेल्थ सेवाएं पहुंचना चाहती है. सूत्रों की मानें तो सरकार डॉक्टर्स का एक पूल तैयार करेगी जो एक जगह मौजूद होंगे.
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क्या हैं फायदे
मोबाइल हेल्थ सर्विसेज की मदद से मरीज या जरूरतमंद लोग मोबाइल ऐप के जरिए डॉक्टर्स से सीधे तौर पर जुड़ कर अपनी समस्या साझा कर सकेंगे. डॉक्टर्स भी मरीज की समस्या और हेल्थ हिस्ट्री समझकर फोन पर ही उसका इलाज बता सकते हैं. इस सेवा से जुड़ने के लिए मामूली रकम देकर लोग अपना रजिस्ट्रेशन या फिर सब्स्क्रिप्शन करा सकते हैं. फिलहाल मोबाइल हेल्थ सेवा के लिए कोई ठोस इंफ्रा देश में नहीं है.