Rajasthan Election Result: चुनावी मौसम में नेता और सियासी जानकार तरह-तरह के दावे करते हैं. प्रत्याशी के जीत-हार का फैसला भी मतगणना से पहले ही लोग कर देते हैं. लेकिन ये सब अनुमान ही रहता है. मतदाता के मन में क्या चल रहा है? ये समझ पाना बेहद मुश्किल.. या कह लीजिए कि नामुमकिन ही है.
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Rajasthan Election Result: चुनावी मौसम में नेता और सियासी जानकार तरह-तरह के दावे करते हैं. प्रत्याशी के जीत-हार का फैसला भी मतगणना से पहले ही लोग कर देते हैं. लेकिन ये सब अनुमान ही रहता है. मतदाता के मन में क्या चल रहा है? ये समझ पाना बेहद मुश्किल.. या कह लीजिए कि नामुमकिन ही है. असली फैसला मतगणना पूरी हो जाने के बाद ही आता है. राजस्थान में जब फैसला आया तो कांग्रेस के पैरों तले जमीन खिसक गई. यहां सारे अनुमान धरे के धरे रह गए. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान में सबसे ज्यादा अंतर से जीतने वाली राजकुमारी दीया कुमारी को एक बूथ से महज 3 वोट ही मिले.
दीया कुमारी
इसीलिए कहा जाता है कि सबको खुश करना किसी के बस की बात नहीं.. राजस्थान की सियासत में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. दीया कुमारी ने भारी मतों से जीत तो दर्ज की लेकिन विद्याधर नगर के बूथ संख्या 192 से उन्हें सिर्फ 3 वोट ही मिल सके. दीया कुमारी ही नहीं ऐसे कई दिग्गज प्रत्याशी हैं जिन्हें कई बूथ से एक भी वोट नहीं मिले.
बाल मुकुंद आचार्य
अब बात करते हैं भाजपा के जीते हुए नेता बालमुकुंदाचार्य की. उन्होंने जयपुर की हवामहल सीट से भाजपा के लिए जीत दर्ज की है. उन्हें 43 बूथों पर 10 से भी कम वोट मिले हैं. बालमुकुंदाचार्य को बूथ 131 और 136 से एक भी वोट नहीं मिला. बालमुकुंदाचार्य ने कांग्रेस के आरआर तिवाड़ी को हराया है. दोनों के बीच हार-जीत का फासला महज 974 वोटों का है. बाल मुकुंद को 95989 और कांग्रेस के आरआर तिवाड़ी को 95015 वोट ही मिले.
हंसराज पटेल
कोटपूतली विधानसभा सीट पर भी कुछ ऐसे ही चौंकाने वाले आंकड़े देखने को मिले. यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की है. भाजपा ने कोटपूतली से हंसराज पटेल को मौदान में उतारा था. हंसराज पटेल ने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव को हराया है. इस सीट का नतीजा इसलिए बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि यहां भाजपा ने 25 साल बाद जीत दर्ज की है. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह कि यहां से भाजपा को सबसे कम वोटों के फासले से जीत मिली. कई बूथों पर हंसराज को बेहद कम वोट मिले. उन्होंने बूथ 156 से 9 वोट और बूथ 172 से सिर्फ 7 वोट मिले.
गोपाल शर्मा
राजस्थान की सिविल लाइंस विधानसभा सीट भी इसी वजह से चर्चाओं में रही. यहां से भाजपा ने जीत तो दर्ज की लेकिन कई बूथों पर पार्टी को मायूसी हाथ लगी. भाजपा ने यहां से गोपाल शर्मा को मैदान में उतारा था. उन्होंने कांग्रेस के प्रताप सिंह को हराया है. दोनों की हार और जीत में 28329 वोटों का अंतर है. गोपाल शर्मा चुनाव जीते तो जरूर लेकिन उन्हें 3 नंबर बूथ पर 81, बूथ नंबर 13 पर 16, बूथ नंबर 74 पर 26 और बूथ नंबर 89 पर केवल 2 ही वोट मिले.