BJP Manifesto for Telangana: तेलंगाना में 30 नवंबर को होने जा रहे चुनाव में बीजेपी ने वादों का पिटारा खोल दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में चुनाव जीतने पर कोई परिवारवादी नहीं बल्कि ओबीसी नेता सीएम बनेगा.
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BJP Manifesto for Telangana Assembly Election 2023: तेलंगाना में होने जा रहे असेंबली के चुनाव इस बार मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है. बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी तीनों दलों ने राज्य में अपनी सरकार बनाने के पूरी जान झोंक रखी है. इस बीच बीजेपी ने शनिवार को चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया और राज्य के लोगों के लिए कई सारे वादे किए. तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी.
अमित शाह ने किए कई बड़े वादे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को गडवाल, नलगोंडा और वारंगल में जनसभाएं करके कई बड़े चुनावी वादे किए. उन्होंने ऐलान किया कि अगर बीजेपी राज्य की सत्ता में आती है तो वह तेलंगाना के सभी लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर की मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले 70 वर्षों के दौरान राम मंदिर के निर्माण में बाधा डाली और देरी की.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया था और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की जाएगी. शाह ने रैली (BJP Manifesto for Telangana Assembly Election 2023) में मौजूद लोगों से तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनाने की अपील की और कहा कि पार्टी नीत सरकार सभी लोगों को अयोध्या में भगवान राम के मुफ्त दर्शन कराने की व्यवस्था करेगी.
'खत्म कर देंगे मुसलमानों का कोटा'
तेलंगाना में, के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसने मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया, जो असंवैधानिक है. शाह ने कहा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो धर्म के आधार पर दिए गए आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का ‘कोटा’ बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कांग्रेस और बीआरएस, दोनों को पिछड़ा वर्ग विरोधी दल बताते हुए दावा किया कि केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही पिछड़ा वर्ग का कल्याण कर सकते हैं. उन्होंने पिछड़े वर्ग से आने वाले नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का भाजपा का वादा भी दोहराया.
बीआरएस सरकार के कथित अधूरे वादों को गिनाते हुए शाह (BJP Manifesto for Telangana Assembly Election 2023) ने अपने भाषण में कहा कि केसीआर सरकार ने झूठे वादे करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. शाह ने तेलंगाना की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत होने का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद इस समुदाय से आने वाले नेता को दिया जाएगा.
'बीआरएस मतलब भ्रष्टाचार रिश्वत समिति’
उन्होंने बीआरएस को ‘भ्रष्टाचार रिश्वत समिति’ करार देते हुए आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना और मिशन भागीरथ सहित विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार हुआ है. शाह ने बीआरएस विधायकों पर यह आरोप भी लगाया कि वे दलित बंधू योजना के लाभार्थियों से एक लाख से तीन लाख रुपये तक की रिश्वत ले रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर भाजपा लूट खसोट की रकम भ्रष्टाचारियों से राज्य के खजाने में वापस जमा कराने को सुनिश्चित करेगी. सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के युवा राज्य लोक सेवा आयोग के प्रश्न पत्र 16 बार लीक होने से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं.
'ढाई लाख युवाओं को मिलेगी नौकरी'
उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP Manifesto for Telangana Assembly Election 2023) पारदर्शी तरीके से युवाओं को पांच वर्षों में 2.5 लाख सरकारी नौकरियां मुहैया करेगी. शाह ने बीआरएस सरकार पर हमला जारी रखते हुए आरोप लगाया कि यह तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल है. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा और मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया है. उन्होंने बीआरएस, असदुद्दीन ओवैसी नीत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और कांग्रेस को ‘टूजी, थ्रीजी और फोरजी’ दल करार दिया.
शाह (BJP Manifesto for Telangana Assembly Election 2023) ने कहा कि इसका मतलब है कि बीआरएस का नेतृत्व केसीआर और उनके बेटे, एआईएमआईएम का नेतृत्व ओवैसी परिवार की तीन पीढ़ियां और कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने मतदाताओं से तेलंगाना को इन दलों से मुक्त कराने और भाजपा को अवसर देने का आग्रह किया. कांग्रेस और बीआरएस को ‘परिवारवाद’ करार देते हुए शाह ने दावा किया कि केसीआर अपने बेटे के.टी. रामा राव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि (कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष) सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं.
'हर साल मनाएएंगे हैदराबाद मुक्ति दिवस'
उन्होंने कहा, ‘हमने निर्णय लिया है कि यदि हमारी सरकार बनती है तो कोई बेटा-बेटी मुख्यमंत्री नहीं बनेगा, बल्कि पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवार से आने वाला नेता मुख्यमंत्री बनेगा.’ उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन और केसीआर की अनदेखी के बीच एक को चुनने के लिए है.’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर हैदराबाद मुक्ति दिवस (17 सितंबर 1948, जिस दिन निजाम के शासन वाले पूर्ववर्ती रियासत हैदराबाद का भारत संघ में विलय किया गया था) आधिकारिक रूप से मनाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘सरदार पटेल ने तेलंगाना को निजाम के शासन से मुक्त कराया, लेकिन केसीआर को ओवैसी के कारण 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने में शर्म आ रही है.’
(एजेंसी भाषा)