Teenagers Bad Food Habbit: भारत के किशोर क्यों हैं बीमार? स्टडी में सामने आई ये बड़ी बात
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Teenagers Bad Food Habbit: भारत के किशोर क्यों हैं बीमार? स्टडी में सामने आई ये बड़ी बात

Worst Food Habbit: जंक फूड (Junk Food) खा-खाकर भारत के किशोर खुद को बीमार बना रहे हैं. अगर आपका बच्चा भी जंक फूड खाने का आदी है तो आपको सावधान होने की जरूरत है.

जंक फूड से नुकसान.

Survey On Teenagers' Health: क्या आपके बच्चे को भी हरी सब्जियां (Green Vegetables) कम पसंद हैं लेकिन पिज्जा (Pizza) और बर्गर (Burger) से प्यार है? क्या आपका बच्चा भी दूध-दही से दूर भागता है लेकिन कोल्ड ड्रिंक उसकी फेवरेट हैं? बहुत मुमकिन है कि अपने बच्चों की आदतों के आगे आपने घुटने टेक दिए हों. अगर ऐसा है तो ये खबर आपके लिए है. हाल ही में मुंबई में 9 साल की एक बच्ची को हार्ट अटैक (Heart Attack) आया और डॉक्टरों को इस छोटी सी बच्ची की बाईपास सर्जरी करके इसकी जान बचानी पड़ी. हम आपको इस खबर के बारे में भी विस्तार से बताएंगे लेकिन उससे पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आपको आपके बच्चे की थाली पर आज ही से नजर रखनी जरूरी है. आपके बच्चों के साथ-साथ आपके लिए आज ये जानना जरूरी है कि बच्चों की गलत खाने-पीने की जिद के परिणाम कितने खतरनाक हो सकते हैं?

6 राज्यों में किया गया सर्वे?

हाल ही में किए गए एक सर्वे में 6 राज्यों के बच्चों से ये पूछा गया कि बीते 24 घंटों में उन्होनें क्या खाया? आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि केवल 1 प्रतिशत बच्चों ने 24 घंटे में दूध या दूध से बनी किसी चीज का सेवन किया था. ये सर्वे गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम और तमिलनाडु के 13 से 18 साल के 937 बच्चों पर किया गया. स्टडी में सामने आया है कि बचपन से किशोरावस्था की तरफ जा रहे इन बच्चों की डाइट में सोडियम, फैट और शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा है और फाइबर वाली डाइट लगभग गायब है. इन 6 राज्यों में महाराष्ट्र के बच्चों में सबसे ज्यादा खराब खान-पान की आदतें देखी गईं और गुजरात के बच्चों में सबसे कम. हम आपको इन 6 राज्यों में सबसे कम और सबसे खराब खाने-पीने की आदतों वाले दो राज्यों का डाटा बता रहे हैं.

937 बच्चों से पूछा गया ये सवाल?

937 बच्चों से 2 बार अलग-अलग मौकों पर ये पूछा गया कि वो अपनी 24 घंटे की डाइट के बारे में बताएं. महाराष्ट्र में 62 प्रतिशत बच्चों ने ब्रेड खाई हुई थी. 29 फीसदी बच्चों ने बताया कि उन्होंने अपने खाने में चीनी ऊपर से मिलाई. केवल 11 प्रतिशत बच्चे बता पाए थे कि उन्होंने कोई डेयरी प्रोडक्ट यानी दूध से बनी कोई चीज खाई है. गुजरात के 1 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे जिन्होंने 24 घंटे में कोई डेयरी प्रोडक्ट लिया था. 2 प्रतिशत बच्चों ने तेज नमक वाले चिप्स जैसे स्नेक्स खाए थे. 26 प्रतिशत ने हाई फैट वाला खाना और 30 प्रतिशत ने फ्राइड खाना खाया था.

जंक फूड के प्लैटर से बदली खाने की थाली

बता दें कि ये सर्वे करंट डेवलपमेंट्स इन न्यूट्रिशन (Current Developments in Nutrition) जर्नल में प्रकाशित हुआ है. स्टडी के दौरान ये भी सामने आया कि माता-पिता दोनो कामकाजी हैं तो बच्चों की खाने-पीने की आदतें ज्यादा जल्दी खराब हो रही हैं. भारत में बच्चों की ग्रोथ के आंकड़े भी यही बता रहे हैं कि गेंहूं, दाल, चावल और दुनिया का हर मोटा अनाज पैदा करने वाले भारत में बच्चों ने अपनी थाली को जंक फूड के प्लैटर से बदल लिया है. हाल ही में जारी किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत में 5 साल से कम उम्र के 3.4% बच्चे मोटे हैं जबकि 2015 के सर्वे में ये आंकड़ा 2 प्रतिशत था.

2030 तक इतने बच्चे होंगे मोटे

यूनिसेफ के World Obesity Atlas 2022 में अनुमान लगाया गया है कि भारत में 2030 तक 27 मिलियिन यानी 2 करोड़ 70 लाख बच्चे मोटे होंगे. दुनिया के हर 10 बच्चों में से एक मोटा बच्चा भारत में होगा. मोटापे के मामले में भारत पहले ही पांचवे नंबर पर आ चुका है.

दिल्ली की एक टेस्टिंग लैब में हमने कुछ किशोरों के वेलनेस टेस्ट पैकेज के नतीजों का आंकलन किया तो जो सामने आया वो भी कम हैरान करने वाला नहीं था. कई किशोरों को डायबिटीज थी तो कई का कोलेस्ट्राल लेवल हाई था. हमने कुछ स्कूल कॉलेज जाने वाले बच्चों के साथ 24 घंटे के उनके खान-पान का एक सर्वे भी किया है. आज आपको 9 साल की बच्ची के बारे में भी जानना चाहिए जिसे हार्ट अटैक आया और अब वो बाईपास सर्जरी के बाद रिकवर कर रही है.

वैसे तो सेहतमंद खाने का सीधा सा पैमाना ये हो सकता है कि ताजा खाना और घर में पका हो लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक आप अपने टीनएज बच्चों का डाइट चार्ट खुद कुछ इस तरह बना सकते हैं.

  कोई एक्टिविटी नहीं कसरत या स्पोर्टस में हैं
टीनएज लड़की 1600 कैलोरी 2400 कैलोरी
टीनएज लड़का 1800 कैलोरी 2600 कैलोरी

लेकिन ये कैलोरी जंक फूड या सॉफ्ट ड्रिंक्स से नहीं आनी चाहिए. बच्चों और किशोरों को सबसे पहले कैल्शियम और विटामिन डी पर ध्यान देना चाहिए, जिससे उनकी हड्डियां मजबूत रहें.

कैल्शियम दूध, दही, सोयाबीन, नट्स
विटामिन डी दालें, मछली 
प्रोटीन मीट, मछली, दालें, हरी सब्जियां, पनीर
फॉलिक एसिड चावल, हरी सब्जियां, रोटी
विटामिन सी नींबू, संतरा, टमाटर और खट्टे फल

अब आप सोचिए हम आपको क्या बता रहे हैं और आपके बच्चे इसमें से क्या ज्यादा खाते हैं और क्या नहीं खाते हैं?

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