दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लोगों में 'डिमेंशिया' (Dementia) बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसका खुलासा एक नई रिपोर्ट में हुआ है.
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वाशिंगटन: दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण (Air Pollution) से लोगों में 'डिमेंशिया' (Dementia) बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. इस बीमारी में लोगों सोचने की क्षमता और याददाश्त धीरे-धीरे कम होती चली जाती है.
अमेरिका (USA) में की गई एक नई स्टडी में पाया गया है कि हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण (PM2.5) लोगों में ज्यादा खतरा बढ़ा रहे हैं. PM2.5 में धूल के बेहद बारीक कण हवा में घुल जाते हैं और सांस के जरिए वे धीरे इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. जिससे उन इलाकों में रहने वाले लोगों को ‘डिमेंशिया’ (Dementia) का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के रिसर्चर ने यह नई स्टडी की है. इस स्टडी की रिपोर्ट 4 अगस्त को प्रकाशित हुई है. स्टडी में शामिल राचेल शाफर ने कहा, ‘हमने पाया कि एक माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि होने से डिमेंशिया के कारकों में 16 गुना वृद्धि हो जाती है. इसी तरह का संबंध अल्जाइमर की तरह के डिमेंशिया (Dementia) से भी है.’
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रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्चर ने अपनी स्टडी के लिए दो बड़ी परियोजनाओं के आंकड़ों का इस्तेमाल किया. इनमें एक 1970 के दशक के अंत में शुरू हुई थी. वह परियोजना वायु प्रदूषण (Air Pollution) को मापने से जुड़ी थी. वहीं दूसरी परियोजना 1994 में शुरू हुई थी और वह डिमेंशिया पैदा करने वाले कारणों से जुड़ी थी.
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