US On Moon After 1972: अपने चंद्रयान-3 के छह महीने बाद अमेरिका ने साउथ पोल पर यान उतारा है. इसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से भेजा गया था. फिलहाल अमेरिका के अलावा पूर्व सोवियत संघ, चीन, भारत और जापान चांद पर अपना यान उतार पाए हैं.
Trending Photos
Moon Landing By Private Company: पूरे 50 साल के बाद अमेरिका ने चांद पर भारत के 'चंद्रयान-3' से थोड़ी दूरी पर अपना यान उतरा है. जी हां, चंद्रमा के साउथ पोल के करीब रोबोट लैंडर ओडीसियस ने अपने कदम रखे. इससे पहले 1972 में अमेरिका का अपोलो 17 स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर उतरा था. कुछ घंटे पहले स्पेसक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी Intuitive Machines को टैग करते हुए NASA ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'आपका ऑर्डर चांद पर पहुंच गया है.' शेयर किए गए वीडियो में दिखाई देता है कि टचडाउन कन्फर्म होने के बाद मिशन के साइंटिस्ट तालियां बजाने लगे.
यह उपलब्धि कुछ खास है
- भारत के चंद्रयान-3 के चांद पर चहलकदमी करने के 6 महीने बाद अमेरिका ने मून लैंडिंग की है. खास बात यह है कि पहली बार कॉमर्शियल मून लैंडिंग की गई है.
- जी हां, यह एक प्राइवेट मिशन था. पहली बार प्राइवेट कंपनी ने मून लैंडिंग कराई है. Intuitive Machine के Odysseus lander ने कुछ घंटे पहले चांद को छूकर इतिहास रच दिया. नासा ने इसमें पार्टनरशिप की थी.
- पिछले हफ्ते केनेडी स्पेस सेंटर से ओडीसियस को लेकर फाल्कन 9 रॉकेट उड़ा था. अमेरिका में जश्न का माहौल है. वे कह रहे हैं कि हम आधी सदी से ज्यादा समय बाद फिर चांद पर लौटे हैं. इससे पहले अगस्त 2023 में भारत का चंद्रयान पहली बार साउथ पोल पर उतरा था.
- लैंडिंग से ठीक पहले अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट में कुछ दिक्कत भी आई लेकिन धरती पर मौजूद साइंटिस्टों ने इसे ठीक कर दिया. कुछ देर के लिए लैंडर के साथ कम्युनिकेशन में देरी हुई थी. कुछ समय तक उसकी कंडीशन और पोजीशन के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था.
Your order was delivered… to the Moon! @Int_Machines' uncrewed lunar lander landed at 6:23pm ET (2323 UTC), bringing NASA science to the Moon's surface. These instruments will prepare us for future human exploration of the Moon under #Artemis. pic.twitter.com/sS0poiWxrU
— NASA (@NASA) February 22, 2024
चांद पर केवल 7 दिन काम रहेगा
स्पेसक्राफ्ट में लाइव वीडियो भेजने की सुविधा नहीं थी. हालांकि प्लान के मुताबिक यान मालापर्ट क्रेटर में उतरा है. रोचक बात यह है कि अमेरिका के इस यान को भी सोलर एनर्जी पर केवल सात दिन तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया है. चांद के उस क्षेत्र में जैसे ही सूर्यास्त होगा, इस लैंडर की सेवा समाप्त हो जाएगी.
इस यान को टेक्सास की कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स ने बनाया है. ओडिसियस लैंडर में कई उपकरण लगे हैं. इससे नासा ही नहीं, कई कॉमर्शियल कस्टमरों को भी फायदा होगा. स्पेसक्राफ्ट में नासा का पेलोड चांद की सतह पर मौसम और पर्यावरण से संबंधित दूसरे डेटा इकट्ठा करेगा. यह जानकारी भविष्य के लैंडरों और आने वाले वर्षों में नासा के एस्ट्रोनॉट्स को भेजकर वापस लाने के मिशन के लिए महत्वपूर्ण होगी.
बेस बनाने की तैयारी में नासा
मून लैंडिंग में अमेरिका अकेला ऐसा देश है जिसने कई बार इंसानों को चांद पर भेजा है. आखिरी बार अपोलो 17 मिशन में ऐसा किया गया था. अब NASA चांद के साउथ पोल के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाना चाहता है जिससे वह भविष्य में एस्ट्रोनॉट बेस बनाने के लिए लोकेशन ढूंढ सके. (नीचे वीडियो देखिए, जो 1972 की मून लैंडिंग का बताया जा रहा है)
ABC's Monday Night Football Intro#Jets at #Raiders
December 11, 1972ABC leads into its scheduled Raiders-Jets MNF contest with coverage of the Apollo 17 lunar landing, featuring television news icon Frank Reynolds from ABC News "Space Headquarters" in New York.
Then Howard… pic.twitter.com/1sGSvmfufp
— Kevin Gallagher (@KevG163) November 13, 2023