Myanmar: Army-China गठजोड़ के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, कई Chinese Factories को बनाया निशाना
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Myanmar: Army-China गठजोड़ के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, कई Chinese Factories को बनाया निशाना

चीनी दूतावास ने म्यांमार की सेना से अपने नागरिकों और फैक्ट्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. बताया जा रहा है कि इस हमले में कई चीनी नागरिक फंसे हुए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो गारमेंट फैक्ट्रियों को आग के हवाले किया गया है. जबकि कुछ अन्य को भी निशाना बनाया गया है.

 

फाइल फोटो: रॉयटर्स

यंगून: म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट को लेकर चीन (China) के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा यंगून के हलैनगठाया जिले (Hlaingthaya District) में चीनी उद्योगपतियों की कई फैक्ट्रियों को निशाना बनाया गया. चीन के दूतावास (China's Embassy) का आरोप है कि इस दौरान जमकर लूटपाट और आगजनी भी हुई. इस घटना में कई चीनी नागरिकों के घायल होने की भी खबर है. बता दें कि म्यांमार के लोगों का आरोप है कि सेना (Army) ने चीन के साथ मिलकर लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया है. कुछ दिन पहले चीनी दूतावास के बाहर भी विरोध-प्रदर्शन हुआ था. 

  1. हलैनगठाया जिले में चीनी कंपनियों पर हमले
  2. कई चीनी नागरिकों के घायल होने की खबर 
  3. चीन ने सेना से सुरक्षा सुनिश्चित कराने को कहा
  4.  

कई इलाकों में लगाया Martial Law

रविवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सेना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चीनी फैक्ट्रियों (Chinese Factories) पर हमला बोला. इतनी बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ को देखकर पुलिस (Police) भी कुछ देर के लिए असहाय नजर आई. हालांकि, बाद में उसने कार्रवाई करते हुए करीब 29 प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतार दिया. माना जा रहा है कि चीन के तीखे विरोध के बाद म्यांमार की सेना ने हमला करने वालों को मारने के आदेश दिए. सैन्य अधिकारियों ने कई क्षेत्रों में मार्शल लॉ की घोषणा भी कर दी है. वहीं, म्‍यांमार में चीन के दूतावास ने पूरी स्थिति को बेहद गंभीर बताया है. 

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China's Embassy ने लगाई गुहार

चीनी दूतावास ने म्यांमार की सेना (Myanmar Army) से अपने नागरिकों और फैक्ट्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. बताया जा रहा है कि इस हमले में कई चीनी नागरिक फंस गए हैं और वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी नागरिकों के स्‍वामित्‍व वाली दो गारमेंट फैक्ट्रियों को आग के हवाले किया गया है. जबकि कुछ अन्य को भी निशाना बनाया गया है. यहां, हालात बेहद खराब हैं और कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं. 

पूरे देश में हो रहे हैं प्रदर्शन

सेना ने गत एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए आंग सान सूची सहित प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. सूची पर कई आरोपों के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है. सेना की इस कार्रवाई के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी गिरफ्तार नेताओं को रिहा करने की मांग कर रहे हैं. उनके निशाने पर चीन की सरकार भी है, क्योंकि उन्हें लगता है कि चीन के इशारे पर ही सेना ने तख्तापलट को अंजाम दिया. कुछ दिन पहले लोकतंत्र समर्थकों ने चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन करते हुए बीजिंग से सेना का समर्थन बंद करने को कहा था. 

 

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