Subnerged Temple In Italy: इटली में पानी के नीचे मिला ऐसा प्राचीन मंदिर, जहां होती थी भारत के इस देवता की पूजा
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Subnerged Temple In Italy: इटली में पानी के नीचे मिला ऐसा प्राचीन मंदिर, जहां होती थी भारत के इस देवता की पूजा

Submerged temple found in Itlay: इटली के पुरातत्वविदों ने गहरे पानी में जलमग्न मंदिर की खोज की है. इस मंदिर के अवशेष कैंपानिया के फ्लेग्रीन प्रायद्वीप पर स्थित पॉजज़ुओली के तट पर स्थित हैं. इस मंदिर को लेकर पुरातत्विदों की खोज जारी है.

Image Credit : Ministero della cultura

Submerged temple of nabataeans in Italay: इटली के पुरातत्वविदों को साउथ इटली के पॉज्जुओली पोर्ट के नजदीक पानी के नीचे डूबे एक अति प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. इस मंदिर के अवशेषों को देखकर हर कोई दंग है. इस मंदिर के हिस्सों की पड़ताल के दौरान ये पता चला है कि यहां मिली चीजें और मंदिर के अवशेष नबातियन सभ्यता से जुड़े मंदिर के हैं. 

पहाड़ों के देवता का मंदिर

'हेरिटेज डेली' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक नबातियन देवता दसहरा को समर्पित है. नबातियन सभ्यता में दसहरा को पहाड़ों का देवता भी कहा जाता था. मंदिर के अवशेषों के साथ खोजकर्ताओं को दो प्राचीन रोमन मार्बल की खूबसूरत वेदियां भी मिली हैं. रोमन काल के दौरान, नबातियन साम्राज्य रोम का एक सहयोगी था जिसने कभी यूफ्रेट्स से लाल सागर तक फैले एक क्षेत्र पर शासन किया था. गौरतलब है कि नबातियन, रोमन साम्राज्य का मित्र साम्राज्य था. रोमन काल में नबातियन साम्राज्य फरात नदी से लाल सागर तक फैला था. जहां के लोग इस देवता की पूजा करते थे.

'भारत की तरह प्रकति की पूजा'

जिस तरह भारत की पुण्य भूमि में प्रकति की पूजा होती है. यहां गाय से लेकर पेड़ पौधौं और पहाड़ों तक की पूजा युगों-युगों से होती चली आ रही है. भारत में तो पहाड़ का संबंध भगवान शंकर की ससुराल से जुड़ा है. माता पार्वती यानी भगवान शिव की पत्नी पर्वतराज हिमवान की बेटी हैं. द्वापर युग में तो स्वयं भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर अपने भक्तों की रक्षा की थी. जिस तरह आज भी लोग उस पर्वत को बड़ी आस्था से देखते हैं. उसी तरह नबातियन लोग पहाड़ों के देवता की पूजा करते होंगे.

कैसे जलमग्न हुआ मंदिर

उस दौर में पॉज़्ज़ुओली को पुतिओली के नाम से जाना जाता था. ये जगह कैम्पानिया से निर्यात किए जाने वाले सामानों का मुख्य केंद्र थी. नबातियों ने इसी पुतिओली में अपना बेस बनाते हुए अपने संरक्षक देवता को समर्पित एक मंदिर का निर्माण कराया था. ये इलाका एक सक्रिय ज्वालामुखीय क्षेत्र के नजदीक था, माना जाता है जिसकी गतिविधि की वजह से पुतिओली का एक हिस्सा जलमग्न हो गया था.

सांस्कृतिक मंत्री ने जताई खुशी

नई खोज के बाद मंदिर से जुड़ी और जानकारी जुटाई जा रही है. जो इटली के इस प्राचीन शहर की मिट्टी में दफ्न इतिहास की कुछ और परतें खोल सकती है. इटली के सांस्कृतिक मंत्री ने इस खोज पर खुशी जताते हुए कहा, 'प्राचीन पॉज्जुओली से एक और खजाना मिला है, जो यहां के सांस्कृतिक, धार्मिक और कमर्शियल महत्व को दर्शाता है.'

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