ICJ के मुताबिक लेबनान के पूर्व पीएम रफीक हरीरी (Rafik Hariri) की हत्या एक राजनीतिक साजिश थी और इस बात का कोई सबूत नहीं था कि हत्या में हिजबुल्लाह शामिल था.
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बेरूतः लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी हत्या के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने मंगलवार (18 अगस्त) को बयान जारी किया है. ICJ के मुताबिक रफीक हरीरी (Rafik Hariri) की हत्या एक राजनीतिक साजिश थी और इस बात का कोई सबूत नहीं था कि हत्या में हिजबुल्लाह शामिल था. अदालत ने आगे कहा कि संबंधित मामले में सीरिया की भागीदारी का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला था.
गौरतलब है कि लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री हरीरी (Rafik Hariri) की 2005 में हत्या हुई थी. 15 साल पहले हरीरी की हत्या के मामले में हिजबुल्ला (Hezbollah) के चार सदस्यों को आरोपी ठहराया गया था. इन सदस्यों पर आरोप था कि इन्होंने साल 2005 में वैलेटाइंस डे के दिन रफीक हरीरी के काफिले पर बम ब्लास्ट किया था, जिसमें लेनबान के पूर्व पीएम सहित 22 लोगों की जान गई थी.
बेरूत आत्मघाती में मारे गए रफीक हरीरी के केस की सुनवाई के दौरान हिजबुल्ला के सदस्य अनुपस्थित थे. हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) ने चार प्रतिवादियों को अंतरराष्ट्रीय अदालत को सौंपने से इनकार कर दिया.
बेरूत में हुआ यह हमला बेहद ही भीषण था. विस्फोट से आधे किलोमीटर के घेरे में आईं सभी इमारतों की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए थे.