भारत में अनुच्‍छेद 35A की होगी सुनवाई लेकिन पाकिस्तान के उड़े होश, जानिए क्या है वजह
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भारत में अनुच्‍छेद 35A की होगी सुनवाई लेकिन पाकिस्तान के उड़े होश, जानिए क्या है वजह

भारत में सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई हो सकती है. 

.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने की कोई भी कोशिश जनसांख्यिकीय बदलाव ला सकती है और ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा. भारत में उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई हो सकती है.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ऐसे किसी भी प्रयास की निंदा करता है क्योंकि इनका स्पष्ट मकसद जम्मू कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव लाना है.’’ विदेश कार्यालय ने कहा कि इस तरह का कोई भी कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन होगा.

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क्या है आर्टिकल 35ए 
यह कानून 14 मई 1954 को राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की ओर से लागू किया गया था.आर्टिकल 35ए जम्मू और कश्मीर के संविधान में शामिल है, जिसके मुताबिक राज्य में रहने वाले नागरिकों को कई विशेषाधिकार दिए गए हैं.साथ ही राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार है कि आजादी के वक्तकिसी शर्णार्थी को वह राज्य में सहूलियतें दे या नहीं.

आर्टिकल के अनुसार, राज्य से बाहर रहने वाले लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते, न ही हमेशा के लिए बस सकते हैं. इतना ही नहीं बाहर के लोग राज्य सरकार की स्कीमों का लाभ नहीं उठा सकते और ना ही सरकार के लिए नौकरी कर सकते हैं.कश्मीर में रहने वाली लड़की अगर किसी बाहर के शख्स से शादी कर लेती है तो उससे राज्य की ओर से मिले अधिकार छीन लिए जाते हैं.इतना ही नहीं उसके बच्चे भी हक की लड़ाई नहीं लड़ सकते. 

इनपुट भाषा से भी 

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