Captagon Pills: इस गोली को कहा जाता है 'ड्रग ऑफ टेरेरिस्‍ट', तानाशाह के लिए बनी पैसे की मशीन
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Captagon Pills: इस गोली को कहा जाता है 'ड्रग ऑफ टेरेरिस्‍ट', तानाशाह के लिए बनी पैसे की मशीन

Drug of Terrorist: थिंक टैंक न्यूलाइन इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिसी एंड स्ट्रैटिजी ने सीरिया में ड्रग्स के उत्पादन पर विस्तृत खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की है. वहीं कई संस्थानों की रिपोर्ट में दावा है कि 'ड्रग ऑफ़ टेरेरिस्ट' (Drug of Terrorist) के कारोबार को सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद (Bashar al Assad) का खुला समर्थन है. 

 

फोटो: सोशल मीडिया

Syria emergence as narco state: सीरिया के तानाशाह शाषक बशर अल असद (Bashar al Assad) पर यूं तो कई आरोप लगते रहे हैं. इस बीच कुछ सालों से उनका नाम एक ऐसे मामले से जुड़ रहा है जिससे उनकी छवि पर गहरा दाग लगा है. दरअसल उन पर आरोप है कि उन्होंने सीरिया में जिस नशे की गोली कैप्टागेन (Captagon pills) के कारोबार को बढ़ावा दिया है जिसने उन्हें तो मालामाल किया है लेकिन एक युवा पीढ़ी को धीरे धीरे मौत की तरफ धकेल दिया है. 

मिडिल ईस्ट में 'ड्रग ऑफ टेररिस्ट'

कई सालों तक इसका इस्तेमाल पश्चिमी देशों में अवसाद यानी डिप्रेशन (Depression) के लिए किया जाता रहा. हालांकि बाद में जब इसके नशे की क्षमता सामने आई तो इस पर रोक लगा दी गई. कुछ साल पहले तक ही, ये माना जा रहा था कि इसका उत्पादन कथित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की आमदनी का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है. इसलिए इसे मिडिल ईस्ट में 'ड्रग ऑफ टेरेरिस्ट' का नाम दिया गया.

न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया के ताकतवर राष्ट्रपति बशर अल असद (Bashar al-Assad) खुले आम इस नशे की गोली कैप्टागेन का प्रोडक्शन कराने के साथ उसकी बिक्री को बढ़ावा दे रहे हैं. असद नशे के इस अवैध कारोबार के जरिए एक समृद्ध इलाके को नार्को स्टेट में बदल रहे हैं.

असद की फैमिली की भूमिका

इस मामले की पड़ताल कुछ और संगठनों ने भी की है. उनके मुताबिक ये ड्रग सीरिया का मुख्य एक्सपोर्ट बन गई है. आपको बता दें कि सीरिया की सरकार की ड्रग्स में संलिप्तता को लेकर अमेरिकी थिंक टैंक न्यूलाइन इंस्टिट्यूट के अलावा जॉर्डन, इटली समेत कई देशों के कोस्टगार्ड की रिपोर्टों के अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स और द गार्डियन की रिपोर्टों, सेंटर फॉर ऑपरेशनल एनेलिसिस एंड रिसर्च (COAR) और ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCR), ये सभी संगठन भी सीरिया की भूमिका पर सवाल उठाते रहे हैं. इनकी जांच में पता चला है कि बशर अल असद के कई खास लोग इस काली कमाई के खेल में शामिल हैं. जिनमें उनका छोटा भाई माहेर अल असद भी है जो सीरियाई सेना की चौथी डिविजन का कमांडर है.

सीरिया ने कई बार किया खंडन

सीरिया की सरकार ने कई बार कैप्टगॉन के उत्पादन से जुड़े होने का खंडन किया है और कहा है कि जो भी रिपोर्टें इस बारे में प्रकाशित हुई हैं वो सभी झूठ हैं. पिछले साल दिसंबर में सीरिया के गृह मंत्री ने फेसबुक पर लिखा था, 'सीरिया अपराध से लड़ने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का समर्थन करता है, खासकर ड्रग तस्करी के खिलाफ.'

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ईराक में 60 लाख गोलियां बरामद

न्यूलाइन इंस्टिट्यूट की रिसर्च के मुताबिक बीते साल 2021 में ही कैप्टगॉन के अवैध बाज़ार से 5.7 अरब डॉलर की कमाई हुई. थिंक टैंक की रिपोर्ट में ये कहा गया, 'हम पुख्ता तौर पर ये बात नहीं कह सकते हैं कि इसमें से कितना पैसा सीरिया की सरकार के पास सीधे जा रहा होगा, लेकिन ये कहा जा सकता है कि इसमें से बड़ा हिस्सा इन लोगों की जेब में जा रहा होगा.'

ईराक के सुरक्षा बलों ने 30 अप्रैल को इस कैप्टॉगन की करीब 60 लाख गोलियां बरामद की थीं. इस कार्रवाई के दौरान नशे के कई सौदागरों को गिरफ्तार भी किया गया जो सीरिया से तालुक रखते हैं. पूरे मिडिल ईस्ट में इस गोली का अवैध व्यापार हो रहा है. इराकी सुरक्षा बलों ने शनिवार को कहा, 'मादक पदार्थों की तस्करी के बड़े रैकेट का भांडाफोड़ करते हुए कैप्टागन की 60 लाख से अधिक गोलियां जब्त कीं. ईराकी अधिकारियों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी पड़ोसी सीरिया मध्य पूर्व का मुख्य कैप्टागन उत्पादक देश है. इसलिए हमारी टीम हमेशा सतर्क रहती है.'

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