कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर का असर हो सकता है कम! क्‍या लेनी होगी चौथी डोज?
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कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर का असर हो सकता है कम! क्‍या लेनी होगी चौथी डोज?

कोविड संक्रमण रोकने के लिए बूस्‍टर डोज लगाने की बात हर जगह हो रही है लेकिन इस मामले में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन विशेषज्ञ ने कहा कि बूस्‍टर डोज स्‍थाई समाधान नहीं है.

 

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नई दिल्ली: कोविड-19 के खिलाफ बूस्टर की प्रभावशीलता समय के साथ कम होने की संभावना है जिसे देखते हुए लोगों को अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए चौथे डोज की आवश्यकता पड़ सकती है. 

  1. घट सकती है बूस्‍टर डोज की प्रभावशीलता
  2. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन विशेषज्ञ ने जताई आशंका
  3. बूस्टर डोज कोविड संक्रमण को रोकने का एक स्थायी तरीका नहीं

सर्दी में संक्रमण की अधिक संभावना

एजेंसी की खबर के अनुसार, मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफाने बांसेल ने बताया कि जिन लोगों को पिछले वर्ष बूस्टर डोज लगाए गए थे उनके पास इस मौसम में कोरोना से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा होने की संभावना है क्योंकि लोग ठंड से बचने के लिए घर के अंदर इकट्ठा होते हैं और इस दौरान उनमें संक्रमण की आशंका अधिक रहती है.

उन्होंने कहा कि बूस्टर की प्रभावशीलता कई महीनों के दौरान घट सकती है जैसा कि पहली दो डोज लेने वालों के साथ हुआ था. बांसेल ने बूस्टर शॉट्स की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य होगा जब हमें आने वाले हफ्तों में यह डेटा मिलेगा कि यह समय के साथ लोगों को अच्छी सुरक्षा दे रहा है. 

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बूस्टर डोज कोविड संक्रमण को रोकने का एक स्थायी तरीका नहीं

उधर ऑक्सफोर्ड वैक्सीन विशेषज्ञ सर एंड्रयू पोलार्ड ने हाल ही में कहा था कि कोविड से लड़ने के लिए हर चार-छह माह में नियमित बूस्टर डोज कोविड संक्रमण को रोकने का एक स्थायी तरीका नहीं हो सकता है. 

डेली मेल ने पोलार्ड के हवाले से कहा कि हर छह महीने में सभी को बूस्टर टीके देना लगातार जारी नहीं रखा जा सकता है. ऑक्सफोर्ड कोविड वैक्सीन परीक्षणों के मुख्य जांचकर्ता और ऑक्सफोर्ड के निदेशक पोलार्ड ने कहा कि हम विश्व में हर चार-छह महीने में लोगों का टीकाकरण नहीं कर सकते. यह टिकाऊ नहीं है. भविष्य में उन लोगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है. 

विश्व स्तर पर चौथी खुराक का पूरा विचार समझदारी नहीं

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप ने एस्ट्राजेनेका का टीका विकसित किया है. स्काई न्यूज ने पोलार्ड के हवाले से कहा कि आज कम आय वाले परिवारों में 10 फीसदी से भी कम लोगों ने अपनी पहली खुराक ली है,इसलिए विश्व स्तर पर चौथी खुराक का पूरा विचार समझदारी नहीं है. 

पोलार्ड के अनुसार, भविष्य के टीकाकरण अभियान को सभी वयस्कों के बजाय सबसे कमजोर लोगों को लक्षित करना चाहिए. दुनिया भर में तेजी से फैल रहे ओमिक्रोन के मद्देनजर, इजराइल ने 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए चौथी खुराक शुरू की है, जबकि जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस में स्वास्थ्य अधिकारी दूसरे बूस्टर की योजना बना रहे हैं.

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