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लंदन: यदि आप नौकरी (Job) की तलाश में ब्रिटेन (Britain) जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ वक्त रुकने में ही समझदारी है. क्योंकि वहां हालात काफी ज्यादा खराब होने वाले हैं. करीब 700,000 नौकरियों पर पहले से ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि सरकार द्वारा COVID-19 फर्लो प्रोग्राम खत्म करने से स्थिति खराब हो सकती है.
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर शुरू किया फर्लो प्रोग्राम 30 सितंबर को खत्म कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत कर्मचारियों को स्टे-एट-होम के लिए सरकार द्वारा भुगतान किया जा रहा था. करीब एक मिलियन कर्मचारी अभी भी इस प्रोग्राम पर आश्रित हैं, ऐसे में सरकार के इस कदम से उनके सामने संकट खड़ा हो गया है.
ब्रिटिश सरकार का खजाना उम्मीद से ज्यादा तेजी से भरा है, ऐसे में माना जा रहा था कि फर्लो प्रोग्राम जारी रह सकता है, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. फर्लो की समाप्ति के साथ ही यूनिवर्सल क्रेडिट में प्रति सप्ताह 20 पाउंड की कटौती की जा रही है और वैट 5% से बढ़ाकर 12.5 किया जा रहा है. लिहाजा, एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में देशवासियों को कई गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं, चांसलर ऋषि सुनक (Chancellor Rishi Sunak) ने भोजन, कपड़े और बिजली बिल भरने में परेशानी का सामना कर रहे लोगों की मदद के लिए 500 मिलियन पाउंड देने का वादा किया है, लेकिन कई सांसदों का कहना है कि इससे स्थिति में सुधार होने की संभावना बेहद कम है. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों की जेब में पैसा पहुंचाने पर काम करना चाहिए, न कि उनकी नौकरी छीनने पर.
इसके अलावा, सांसदों ने यूनिवर्सल क्रेडिट अगले साल तक जारी रखने और टैक्स में कटौती करने की भी मांग की है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ब्रिटेन में नौकरियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकार रिक्त पदों को भरने में फिलहाल दिलचस्पी नहीं ले रही है. सरकार के इसी ढीले रवैये के चलते देश में ट्रक ड्राइवरों की कमी हो गई है, जिसकी वजह से यूके पेट्रोल संकट का सामना कर रहा है. ऐसे में अगले कुछ समय तक ब्रिटेन में नौकरी करने की योजना को टाल देना ही बेहतर है.