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लंदन: ब्रिटिश पुलिस (British Police) ने पैरेंट्स की ‘कैद’ से कुछ बच्चों को आजाद कराया है. इन बच्चों को ऐसी जगह रहने को मजबूर किया जा रहा था, जहां शायद कोई अपने जानवरों को भी न रखे. बच्चे जिस घर में रहते थे, वहां गंदगी का अंबार था. बाथरूम से लेकर किचन तक हर जगह बस कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा था. इतना ही नहीं पुलिस को घर से मरे हुए चूहे भी मिले, जिन्हें हटाने की जहमत भी बच्चों के पैरेंट्स ने नहीं उठाई थी. आरोपी माता-पिता को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है.
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में सरकारी स्तर पर गंभीर लापरवाही भी सामने आई है. पुलिस ने 2018 में इस संबंध में सोशल सर्विस (Social Service) को सूचित किया था, लेकिन उसकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसने यह भी जानने का प्रयास नहीं किया कि बच्चों की स्थिति कैसी है. हाल ही में जब पुलिस अधिकारी दोबारा आरोपियों के घर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि इतने वक्त बाद भी कुछ नहीं बदला है. बच्चे गंदगी के अंबार के बीच रहने को मजबूर हैं.
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रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस का पैरेंट्स के साथ झगड़ा भी हुआ, लेकिन वो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे. घर में तरफ कूड़ा था, यहां तक कि कुत्ते की पॉटी और मरे हुए चूहे को भी साफ नहीं किया गया था. बाथरूम में इस्तेमाल की हुईं सैनेटरी नेपकीन बिखरी पड़ी थीं. बदबू इतनी ज्यादा की थी कि पुलिस कर्मियों को भी अपनी नाक बंद करनी पड़ी. एक अधिकारी ने कहा, ‘टॉयलेट ऐसा था कि देखकर उल्टी आ जाए. इसके बावजूद माता-पिता कुछ सुनने को तैयार नहीं थे’.
पुलिस ने आरोपी पैरेंट्स को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान छह में से एक बच्चे ने बताया कि उनका घर किसी कूड़ाघर से कम नहीं है. उन्हें पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिलता था. पूरे घर में डॉग की पॉटी बिखरी रहती थी. वहीं, आरोपी पैरेंट्स ने अपने बचाव में कई अजीब तर्क दिए. मां ने कहा कि उसे देर तक काम करना पड़ता है इसलिए घर की सफाई का समय नहीं मिल पाता.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब स्कूल ने बच्चों के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने की जानकारी दी. पुलिस ने सबसे पहले 2015, 2017 और फिर 2018 में बच्चों के घर जाकर उनके माता-पिता को समझाया. अधिकारियों ने सोशल सर्विस को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद जब पुलिस ने हाल ही में घर का दौरा किया तो अधिकारियों की भी आंखें फटी रह गईं.