चीन ने पिछले 13 सालों में भारत पर कई साइबर अटैक किए, जिसमें उसने साल 2017 में भारतीय सेटेलाइटों पर भी हमला शामिल है. हालांकि इसरो ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और भारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा.
Trending Photos
नई दिल्ली: चीन ने पिछले 13 सालों में भारत पर कई साइबर अटैक किए, जिसमें उसने साल 2017 में भारतीय सेटेलाइटों पर भी हमला शामिल है. हालांकि इसरो ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और भारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा. अमेरिका स्थित चाइना एरोस्पेस स्टडीज इंस्टीट्यूट (China Aerospace Studies Institute -CASI) ने ये जानकारी दी है.
चीन के पास भारतीय सेटेलाइटों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता मौजूद
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास स्पेस में भारतीय सेटेलाइटों को निशाना बनाने की कई तरह की क्षमताएं मौजूद हैं. वो भारत के जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट (Geosynchronous orbit -जीईओ) के लिए खतरा बन सकता है. हालांकि भारत ने भी साल 2019 में एंटी सेटेलाइट मिसाइल (Anti-satellite Missile Technology Capabilities) के इस्तेमाल से ये दिखा दिया था कि भारत या दुनिया से किसी भी देश से सेटेलाइट को मार गिरा सकता है, अगर उसे कोई नुकसान पहुंचाया गया तो.
अपनी क्षमता बढ़ा रहा है चीन
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन अपनी साइबर क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है. उनकी कोशिश है कि वो बिना लड़े ही अपने दुश्मन को खाक में मिला दे. इसके लिए वो नई तकनीकी विकसित कर रहा है. रिपोर्ट में साफ लिखा है कि चीन के पास वो क्षमता मौजूद है, जिसमें वो साइबर हमले कर दुश्मन के सेटेलाइट को हाइजैक करके भी गिरा सकता है
भारत अपनी सेटेलाइट सुरक्षा को कर रहा है मजबूत
ये रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख के एलएसी पर आमने सामने तैनात खड़ी हैं. इस बीच सूत्रों ने बताया है कि भारत को 4 से 6 ऐसे जासूसी सेटेलाइट की जरूरत है, जो एलएसी पर चीनी हरकतों पर नजर रखती रहें। ये सेटेलाइट हाई रिजोल्यूशन कैमरे और सेंसर से लैस हों.