संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के मुताबिक संगठन का लक्ष्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास कायम करना है.
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रिम्बो : यमन सरकार और विद्रोही गुटों के बीच बृहस्पतिवार से स्वीडन में शांति वार्ता शुरू होगी, जिसका मकसद यमन में चार साल से जारी युद्ध खत्म करना है. इस युद्ध की वजह करीब डेढ़ करोड़ लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की ओर से यमन की सऊदी अरब समर्थित सरकार और ईरान से जुड़े हूती विद्रोहियों के बीच 2016 के बाद यह पहली बातचीत होगी. उस साल 100 दिन की वार्ता के बाद भी युद्ध खत्म करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई थी. यमन में जारी युद्ध में अब तक कम से कम 10 हजार लोग जान गंवा चुके हैं.
संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के मुताबिक संगठन का लक्ष्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास कायम करना है. संयुक्त राष्ट्र इस संघर्ष को दुनिया का सबसे खतरनाक मानवीय संकट करार दे चुका है, जिसमें भुखमरी से बच्चों की मौत और बीमारियां जैसे पहलू शामिल हैं.
विद्रोहियों के करीबी सूत्रों के मुताबिक हूती विद्रोही सना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को फिर से खोलने का अनुरोध कर सकते हैं, जो सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के हमलों के बाद जर्जर हो गया था. वहीं, सरकारी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हदी का खेमा विद्रोहियों से बारूदी सुरंग बिछे इलाकों के बारे में जानकारी चाहता है.