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ब्रासिलिया: ब्राजील (Brazil) में कोरोना (Coronavirus) बेकाबू हो गया है. यहां हर रोज इतने मामले सामने आ रहे हैं कि डॉक्टरों के लिए उन्हें संभालना मुश्किल हो गया है. वहीं, अस्पतालों में दवाओं की कमी ने हालात और भी ज्यादा खराब कर दिए हैं. स्थिति ये है कि कई अस्पतालों में मरीजों को बेड से बांधकर रखना पड़ रहा है. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों को शामक औषधि (Sedatives) के बिना ही मरीजों को इंटुबैशन प्रक्रिया से गुजारना पड़ रहा है.
इंटुबैशन एक प्रक्रिया है, जिसमें वेंटिलेटर द्वारा मरीज को ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है, जब मरीज खुद सांस लेने में परेशानी का अनुभव करता है. Albert Schweitzer म्युनिसिपल अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि दवाओं की भारी कमी हो गई है. Sedatives का स्टॉक बढ़ाने के लिए हमें उसे डाइल्यूट करना पड़ रहा है. हालांकि, जब ये खत्म हो जाती है तो हमें न्यूरोमस्कुलर ब्लॉकर्स का उपयोग करने और मरीजों को उनके बेड से बंधने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
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रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो दोनों जगह Sedatives की भारी कमी हो गई है. साओ पाउलो के स्वास्थ्य सचिव ने यहां तक कह दिया है कि गंभीर कोरोना मरीजों को संभालने की शहर की क्षमता खत्म हो रही है. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्यूरोगा (Marcelo Queiroga) ने कहा कि सरकार आपातकालीन दवाओं को प्राप्त करने के लिए स्पेन और अन्य देशों से बातचीत कर रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पतालों के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं है.
ब्राजील में कोरोना से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरह राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो (Jair Bolsonaro) अपने पुराने रुख पर कायम हैं. वो अभी भी कोरोना को गंभीर बीमारी मानने को तैयार नहीं हैं, जबकि वह खुद भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. बोलसोनारो न केवल कड़े उपायों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि वैक्सीन का भी मजाक उड़ा रहे हैं. कुछ वक्त पहले उन्होंने फाइजर की वैक्सीन का मजाक उड़ाते हुए उसे लगवाने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर पुरुष ये वैक्सीन लगवाएंगे तो मगरमच्छ बन जाएंगे और महिलाओं के दाढ़ी उग जाएगी.
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