Without Capital Country: क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जिसकी अपनी कोई राजधानी ही नहीं है. वह देश वेटिकन से भी बड़ा है और वहां हमेशा पर्यटकों की आमद लगी रहती है.
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Area Population of Nauru Country: पूरी दुनिया में 204 देश हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ से मान्यता प्राप्त है. इनमें से सभी देशों की अपनी कोई न कोई राजधानी होती है, जहां पर वहां की संसद, राष्ट्रपति निवास, सुप्रीम कोर्ट समेत महत्वपूर्ण भवन होते हैं. कुछ इक्के-दुक्के देश ऐसे भी हैं, जहां राजधानी 2 अलग-अलग शहरों में होती है. जैसे कि बोलीविया में सुप्रीम कोर्ट सुक्रे शहर में है, वहीं उसकी संसद ला पाज में बैठती है.
बिना राजधानी वाला देश
दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जो मुल्क होने के साथ खुद ही उसकी राजधानी भी हैं. इसकी वजह उनका बेहद छोटा आकार है. जैसे कि मोनाको, सिंगापुर या वेटिकन सिटी. इन देशों में राजधानी बनाने के लिए दूसरा शहर ही नहीं है. इसलिए ये देश खुद ही मुल्क की राजधानी भी हैं और राष्ट्र भी. यानी कुल मिलाकर हरेक देश की कोई न कोई राजधानी जरूर है. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां की कोई राजधानी (Country Without Capital) ही नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया से 3 हजार किमी दूर
इस देश का नाम नाउरू (History of Nauru Country) है. यह प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया से करीब 3 हजार किमी उत्तर पूर्व में बसा छोटा सा द्वीपीय देश है. पहले यह देश ऑस्ट्रेलिया का ही हिस्सा हुआ करता था और ऑस्ट्रेलिया ने वहां पर हिरासत केंद्र बना रखा था, जहां पर दुर्दांत अपराधियों या राजद्रोहियों को कैद करके भेजा जाता था. लेकिन बाद में यह द्वीपीय देश आजाद हो गया. वहां पर पीएम और राष्ट्रपति दोनों हैं.
नाउरू दुनिया में क्यों है चर्चित?
दुनिया का यह इकलौता देश है, जिसकी अपनी कोई राजधानी (Country Without Capital) नहीं है. इस देश का सारे प्रशासनिक और सरकारी काम येरेन शहर से संचालित होते हैं. क्षेत्रफल के मामले में यह वेटिकन से बड़ा लेकिन दुनिया का तीसरा सबसे छोटा देश है. येरेन शहर से सारे सरकारी कामकाज करने के बावजूद इसने उसे आधिकारिक राजधानी का दर्जा नहीं दिया है यानी कि यह बिना राजधानी वाला देश है.
पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर देश
यह छोटा सा नन्हा देश पूरी तरह पर्यटन (Best Tourism Spot) पर निर्भर है. इसी से इस देश की आजीविका चलती है. शुरुआत में जब यूरोपीय पर्यटक वहां पहुंचे थे तो उन्होंने उसे प्लेजेंट आइलैंड नाम दिया था. हालांकि ऑस्ट्रेलिया से आजाद होने के बाद इसका नाम नाउरू कर दिया गया. वहां की सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लगातार कदम उठाती रहती है. वहां पहुंचने वाले पर्यटकों को कई तरह की सुविधाएं भी दी जाती हैं.