UK: क्या कुछ कैंसर रोगियों का मददगार बना Coronavirus, जानिए क्यों उठा सवाल
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UK: क्या कुछ कैंसर रोगियों का मददगार बना Coronavirus, जानिए क्यों उठा सवाल

ब्रिटेन (UK) में अविश्वसनीय मामला सामने आया है. जहां मरीज के कोरोना संक्रमित होने के पुष्टि के बाद निमोनिया हुआ. फेफड़ों में सूझन आई फिर डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया. मरीज 11 दिन बाद ठीक हुआ. कुछ समय बाद पता चला कि उसकी गंभीर बीमारी खत्म हो गई है.  

फाइल फोटो साभार: (रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) दुनिया में लाखों की जान ले चुका है. अभी तक हुई रिसर्च के मुताबिक कोविड-19 (Covid-19) का संक्रमण उन लोगों के लिए ज्यादा घातक या जानलेवा रहा जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी थी. वहीं महामारी के शुरुआती दौर से ही कहा जा रहा था कि कोरोना से ज्यादा मौतें उन लोगों की हुईं जो पहले से हार्ट, किडनी, लीवर या कैंसर से जूझ रहे थे. 

ऐसे में इस वायरस से जुड़ी एक हैरान करने वाली रिपोर्ट ब्रिटेन (UK) सामने आई है. जिसके मुताबिक ये सवाल उठा कि क्या कोरोना कुछ लोगों के लिए वरदान जैसा साबित हुआ है. दरअसल डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने के बाद किसी का ट्यूमर ठीक हो गया तो किसी की कैंसर जैसी गंभीर बीमारी चमत्कारिक रूप से दूर हो गई. 

कॉर्नवाल काउंटी में निगरानी

ब्रिटेन (UK) की कॉर्नवाल (Cornwall) काउंटी के डॉक्टरों ने इस कथित चमत्कार की पुष्टि की है. जहां एक मामले में डॉक्टरों ने 61 साल के कैंसर पीड़ित का रुटीन चेकअप किया तो असाधारण घटनाक्रम देखने को मिला. डॉक्टरों की हैरानी की वजह ये थी कि इस शख्स के शरीर में कुछ समय पहले जिस खतरनाक ट्यूमर का खुलासा हुआ था वो लगभग खत्म सा हो गया. डॉक्टरों ने मरीज के बारे में कोई भी जानकारी साझा नहीं की है.

'हॉजकिन लिंफोमा' से पीड़ित था मरीज

ये खुलासा ब्रिटिश जर्नल ऑफ हेमटोलॉजी की एक रिपोर्ट में किया गया. डॉक्टरों ने कहा, 'मरीज हॉजकिन लिंफोमा (Hodgkin lymphoma) नाम की बीमारी से पीड़ित था. जो ब्लड कैंसर (Blood Cancer) का रूप है. हमने उसकी कीमोथेरैपी भी शुरू नहीं की थी. ब्रिटेन (UK) में हर साल इसके करीब 2100 मामले सामने आते हैं.'  ऐसे में इस मरीज के शरीर से कैंसर की कोशिकाओं (Cancer cells) का अचानक गायब हो जाना किसी रहस्य से कम नहीं था. 

अविश्वसनीय घटनाक्रम

ये चमत्कार था या कुछ और ऐसी संभावनाओं के बीच कुछ और अविश्वसनीय घटनाक्रम देखने को मिला. दरअसल इस मरीज के शरीर में कोरोना का तगड़ा हमला हुआ था जिसकी स्थिति काफी गंभीर थी. अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसे निमोनिया हुआ. इंफेक्शन के दौरान फेफड़ों में सूझन आ गई थी. हालत बिगड़ी तो सांसें बरकरार रखने के लिए डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया. इन मुश्किलों के बीच उसे 11 दिन अस्पताल में बिताने पड़े. तब जाकर वो पूरी तरह ठीक होकर अपने घर पहुंचा. इस घटनाक्रम  के कुछ हफ्तों बाद उसके कैंसर की स्थिति जानने के लिए सीटी स्कैन कराया गया तो खुलासा हुआ कि उसकी पुरानी बीमारी ठीक हो चुकी थी. 

डॉक्टरों ने निकाला ये नतीजा

इसके बाद डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि ये जो कुछ भी था असाधारण घटनाक्रम था. कोरोना ने उसके कैंसर का खात्मा कर दिया था. वहीं उसके शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा देखने को मिला. 
ट्रूरो स्थित रॉयल कॉर्नवाल हॉस्पिटल में काम करने वाली डॉक्टर सारा के हवाले से छपी रिपोर्ट में कहा गया कि हमें लगता है कि कोविड-19 ने ऐसे मामलों में एंटी ट्यूमर इम्यून रेस्पांस दिया होगा.

उनका मानना है कि संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं जिन्हे टी-सेल्स (T-cells) कहा जाता है उन्होंने बड़े पैमाने पर रोगियों के इम्यून सिस्टम को मजबूती देने के साथ कैंसर सेल्स पर भी हमला किया जिन्हें रोगी के शरीर में दाखिल हुए घुसपैठियों की तरह माना जाता है. 

इसी तरह के कुछ और मामले भी सामने आए हैं जिनको लेकर डॉक्टरों ने कहा कि हो सकता है कि कोरोना वायरस ने उन मरीजों को गंभीर बीमारी से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाई हो. 

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