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नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को डोमिनिका हाई कोर्ट (Dominica High Court) से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया. जज वायनाटे एड्रियन-रॉबर्ट्स (Wynante Adrien-Roberts) ने चोकसी को ‘फ्लाइट रिस्क’ (Flight Risk) वाला व्यक्ति करार देते हुए कहा कि फिलहाल जमानत मंजूर नहीं की जा सकती. ‘फ्लाइट रिस्क’ का मतलब ऐसे व्यक्ति से है जिसके देश छोड़ने की संभावना हो. इससे पहले मजिस्ट्रेट ने भी चोकसी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
मेहुल चोकसी के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि कैरेबियन समुदाय नागरिक के रूप में उनका मुवक्किल जमानत का हकदार है, क्योंकि उस पर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, वो जमानती हैं. बचाव पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि चोकसी की सेहत ठीक नहीं है, ऐसे में उसके देश छोड़कर कही जाने का कोई खतरा नहीं है. लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए भगोड़े कारोबारी को जमानत देने से इनकार कर दिया.
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए वकील लेनोक्स लॉरेंस (Lennox Lawrence) ने मेहुल चोकसी की जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि भगोड़ा कारोबारी ‘फ्लाइट रिस्क’ वाला व्यक्ति है. साथ ही उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस जारी किया गया है. चोकसी की मेडिकल कंडीशन को लेकर लॉरेंस ने कहा कि ये कोई चिंता वाला मुद्दा नहीं हैं, क्योंकि उसे डोमिनिका में जरूरी चिकित्सीय सहायता दी जा रही है. गौरतलब है कि बता दें कि मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद चोकसी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
उधर, डोमिनिका की सरकार ने मेहुल चोकसी को अवैध अप्रवासी घोषित किया है. इतना ही नहीं, डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मामलों के मंत्री रेबर्न ब्लैकमूर ने पुलिस प्रमुख को आदेश जारी किया है कि चोकसी को देश से बाहर करने के लिए कानून के मुताबिक जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं. जानकारी के मुताबिक, डोमिनिका प्रशासन ने इस आदेश को अदालत के सामने रखा है और अपील की है कि मेहुल चोकसी की याचिकाएं खारिज कर उसे भारत भेज दिया जाए. चोकसी पर अवैध रूप से डोमिनिका में घुसने का आरोप लगाया गया है.