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नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) फिलहाल डोमिनिका (Dominica) में ही रहेगा. ईस्टर्न कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट ने चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामले की सुनवाई खत्म नहीं हो जाती, भगोड़े हीरा कारोबारी को कहीं नहीं भेजा जाएगा, वो डोमिनिका में ही रहेगा. इस मामले की अगली सुनवाई अब 2 जून को होगी. तभी तय होगा कि चोकसी को कहां भेजा जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हैबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई होने तक मेहुल चोकसी को कहीं भी नहीं भेजा जाएगा. मामले की अगली सुनवाई तक उसे यहीं रहना होगा. सूत्रों के मुताबिक मेहुल चोकसी को फिलहाल जेल में नहीं रखा जाएगा. इसके बजाए उसे किसी होटल में 5 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जा सकता है. हालांकि, यहां उस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
कोर्ट ने मेहुल चोकसी को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी है. इसके अलावा मेडिकल सुविधाएं और COVID-19 जांच के लिए उसे अस्पताल भी ले जाया जाएगा. माना जा रहा है कि अब पांच दिनों के बाद ही चोकसी को एंटीगुआ (Antigua) वापस भेजा जा सकता है. कहा जा रहा है कि चोकसी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हुआ और सुनवाई के दौरान उसके वकील ही मौजूद रहे.
भगोड़े कारोबारी की तरफ से उसके वकीलों ने डोमिनिका की कोर्ट में हीबियस कॉर्पस याचिका (Habeas Corpus Petition) दाखिल की गई है, ताकि मेहुल चोकसी को कोर्ट में उपस्थित किया जा सके और उसे जरूरी कानूनी मदद मुहैया कराई जा सके. इस पर सुनवाई के बाद ही उसके प्रत्यर्पण पर फैसला होगा. इससे पहले, मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि चोकसी को जबरन डोमिनिका लाया गया है.
विजय अग्रवाल ने दावा किया था कि चोकसी को जबरन एंटीगुआ (Antigua) से डोमिनिका (Dominica) ले जाया गया. अग्रवाल ने यहां तक कहा कि इस दौरान चोकसी को टॉर्चर किया गया. उनके शरीर पर टॉर्चर के निशान देखे जा सकते हैं. बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी एंटीगुआ से भागकर डोमिनिका पहुंच गया था. जहां से उसे सीधे भारत भेजने की बात चल रही थी. हालांकि, फिलहाल इसकी संभावना कम दिखाई दे रही है.