Elephant News: बाप रे! हाथियों को मारकर खा रही जनता, इन दो देशों में हो रहा कत्लेआम
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Elephant News: बाप रे! हाथियों को मारकर खा रही जनता, इन दो देशों में हो रहा कत्लेआम

Elephants Killing: यह खबर पढ़कर शायद आप हिल जाएं. दुनिया के दो देशों- नामीबिया और जिम्बॉब्वे में गजराज को मारा जा रहा है. विशालकाय हाथी को मारकर जनता का पेट भरा जाएगा. आखिर क्यों बने ऐसे हालात और क्या है सरकारों का प्लान?

Elephant News: बाप रे! हाथियों को मारकर खा रही जनता, इन दो देशों में हो रहा कत्लेआम

World News in Hindi: अफ्रीका के दो देशों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि वहां की सरकारों ने हाथियों को मारकर लोगों का पेट भरने की तैयार की है. शायद मारा भी जाने लगा हो. जी हां, जिसने भी यह खबर पढ़ी चौंक गया लेकिन यह सच है. जिम्बाब्वे और नामीबिया सूखे की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं. वहां जनता के पास खाने को कुछ नहीं है. ऐसे में भुखमरी से बचाने के लिए सैकड़ों जंगली हाथियों और दूसरे जानवरों की 'बलि' देने की योजना बनाई गई है.

खाओ हाथी...मारने का परमिट बांट रहे

जिम्बाब्वे सरकार की ओर से बताया गया है कि वह 200 हाथियों को मारने की अनुमति देने जा रही है जिससे उसका मांस जरूरतमंद लोगों के बीच बांटा जा सके. वहीं, नामीबिया में 83 हाथियों सहित 700 से ज्यादा जंगली जानवरों की हत्या की कार्रवाई हो रही है. यही नहीं, जिम्बाब्वे में भूख से परेशान समुदायों को हाथियों का शिकार करने के लिए बाकायादे परमिट जारी किए जा रहे हैं. इस तरह से देखिए तो इन दोनों देशों में अब हाथियों का खुलेआम कत्ल किया जा रहा है.

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लोगों के बीच पहुंचाए जा रहे हाथी

प्रशासन हाथियों को उन इलाकों में लेकर जा रहा है, जहां आबादी भूख से बेहाल है. उन इलाकों में हाथियों का शिकार शुरू हो रहा है जहां भोजन और पानी की काफी कमी है और लोग मरने-मारने पर उतारू हैं. यहां बढ़ते तापमान के कारण संसाधन दुर्लभ हो जाते हैं. जिम्बाब्वे के ह्वांगे नेशनल पार्क में 45,000 से ज्यादा हाथी हैं लेकिन अब केवल 15,000 को बनाए रखने की क्षमता रह गई है.

क्यों बने ऐसे हालात?

पार्क के अधिकारियों का कहना है कि देश में लगभग 100,000 हाथियों की कुल आबादी देश के राष्ट्रीय उद्यानों की तुलना में दोगुनी है. अल नीनो मौसम की घटना ने स्थिति को और खराब कर दिया है. सूखे के कारण 100 से ज्यादा हाथियों की पहले ही मौत हो चुकी है. सरकार का तर्क है कि आने वाले हफ्तों में बड़ी संख्या में जानवर प्यास और भूख से मर सकते हैं क्योंकि देश में गर्मी का यह पीक टाइम है.

हाथी का मांस सुखाएंगे फिर...

जिम्बाब्वे के पर्यावरण मंत्री ने पिछले हफ्ते संसद को बताया कि उन्होंने हाथियों को मारने की औपचारिक मंजूरी दे दी है. उन्होंने तर्क दिया है कि वास्तव में जिम्बाब्वे में आवश्यकता से ज्यादा हाथी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार वही करने की तैयारी कर रही है जो नामीबिया ने किया है जिससे हम हाथियों को मार सकें और महिलाओं को मांस सुखाने के लिए तैयार कर रहे हैं. इसे पैकेट में करके कुछ समुदायों तक पहुंचाया जाएगा जिन्हें प्रोटीन की आवश्यकता है.

नामीबिया की सरकार ने पिछले महीने 723 जानवरों को मारने की मंजूरी दी थी, जिसमें 83 हाथी, 30 हिप्पो, 60 भैंस, 50 इम्पाला जैसे जानवर शामिल हैं.

गौर करने वाली बात यह है कि जिम्बाब्वे और नामीबिया के बीच स्थित बोत्सवाना देश है जहां हाथियों की आबादी 130,000 है लेकिन वहां अपने लोगों को खिलाने के लिए हाथियों को मारने का कोई प्लान नहीं है.

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