वैश्विक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, कहा- 'हर 70वें आदमी को है मदद की जरूरत'
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वैश्विक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, कहा- 'हर 70वें आदमी को है मदद की जरूरत'

संयुक्त राष्ट्र राहत प्रमुख ने कहा है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों ने लाखों लोगों को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है जहां उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है. 

फाइल फोटो

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र राहत प्रमुख ने कहा है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों ने लाखों लोगों को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है जहां उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है. साथ ही उन्होंने 40 से अधिक देशों में अगले साल अत्यावश्यक राहत परियोजनाओं में सहयोग की खातिर कोष जुटाने की अपील भी की. यह कोष 25 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है.

वैश्विक मानवीय आवश्यकता के सालाना विश्लेषण जारी किए जाने के मौके पर, आपदा राहत समन्वयक मार्क लोकॉक ने कहा कि विश्व भर में 40 से अधिक देशों में चल रहे संघर्षों को देखते हुये अगले साल 13 करोड़ से अधिक लोगों को मदद पहुंचाये जाने की आवश्यकता होगी. यानी मोटे तौर पर दुनिया के हर 70वें व्यक्ति को मानवीय सहायता देनी होगी. 

उन्होंने कहा कि संघर्षों के साथ साथ मौसम में आ रहे बदलावों की वजह से पड़ने वाले सूखे और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लोकॉक ने कहा कि दुनिया के हर 70 में से एक आदमी को संकटों का सामना करना पड़ रहा है और उसे तुरंत ही मानवीय मदद और संरक्षण देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग विस्थापित भी हुए हैं जिसका मुख्य कारण संघर्ष है. विस्थापितों की संख्या लगभग सात करोड़ है. यह स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक मानवीय सहायता अपील साल 2019 में 21.9 अरब डालर है. लेकिन अगर इसमें सीरिया की वित्तीय मदद को जोड़ लिया जाता है तो यह राशि 25 अरब डालर तक पहुंच सकती है. 

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