आपने भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के US स्ट्रेन, UK स्ट्रेन, SA स्ट्रेन, और यूएई स्ट्रेन समेत कई देशों के वेरिएंट पाए जाने की खबरें सुनी होंगी. जब-जब देश में कोरोना के म्यूटेशन या नए स्ट्रेन का खुलासा हुआ तब-तब कुछ समय के लिए लोगों में चिंता दिखी लेकिन अब हालात बेकाबू हैं.
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नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corornavirus) एक बार फिर तांडव मचा रहा है. भारत समेत कई देशों में कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बारे में कहा जाता है कि ये वो बीमारी है जिसके अनेक रूप हैं. कोरोना के रूप बदलने की प्रकिया और मारक क्षमता को लेकर कई देशों में शोध जारी हैं. गौरतलब है कि किसी वायरस के स्वरूप और गुणधर्म बदलने की गतिविधियों को स्ट्रेन और म्यूटेशन कहा जाता है.
दुनिया भर की रफ्तार पर एक साथ ब्रेक लगा चुके कोरोना के कई रूपों की पहचान हो चुकी है. आपने भी भारत में कोरोना के अमेरिकी स्ट्रेन, यूके स्ट्रेन, साउथ अफ्रीका स्ट्रेन, और यूएई स्ट्रेन समेत देशों का टैग लगे कोरोना के रूप के भारत में पाए जाने की खबरें सुनी होंगी. जब-जब देश में कोरोना के म्यूटेशन या फिर किसी दूसरे देश का स्ट्रेन मिलने का खुलासा हुआ तब-तब लोगों में कुछ देर के लिए डर बैठ गया.
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इस बीच अमेरिका में कोरोना वायरस के इंडियन स्ट्रेन पाए जाने की खबर सामने आई है. Stanford University के शोध में अमेरिका (US) में कोरोना के पहले भारतीय स्ट्रेन की मौजूदगी की पुष्टि की है. संक्रमण का ये मामला उत्तरी कैलिफोर्निया (Northern California) में देखने को मिला.
दुनियाभर में कोरोना के स्ट्रेन में अब तक कितने बदलाव हुए हैं. इस का कोई निश्चित आंकड़ा नहीं है. कोरोना के स्ट्रेन को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसके कुछ रूप जीन में प्रोटीन बढ़ाने वाले हैं, जिसमें से कुछ बेहद खतरनाक होते हैं. कुछ केस में वायरस शरीर के सेल्स पर हमला कर सकता है वहीं सबसे घातक स्वरूपों की बात करें तो इसका H69/V70 रूप, भी काफी खतरनाक माना जाता है जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को नुकसान पहुंचाता है.
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एनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ये मरीज San Francisco Bay एरिया का रहने वाला है. जो कोरोना के इंडियन स्ट्रेन से पीड़ित है. हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि इससे पहले अमेरिका में इंडियन स्ट्रेन की पहचान इंडियन हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने की थी. हालांकि साल 2020 के आखिर तक भारत ने कोरोना महामारी से जंग में काफी सावधानी बरतते हुए संक्रमण के मामलों को काफी हद तक काबू कर लिया था. वहीं मार्च 2021 में संक्रमण की रफ्तार इतनी बेकाबू हुई कि अप्रैल के पहले हफ्ते में एक दिन में कोरोना संक्रमण के नए मामलों का आंकड़ा 1 लाख के पार चला गया.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक सर्दियों के सीजन में आए पीक के बाद फिलहाल यहां हालात काबू में हैं. कभी कैलिफोर्निया की गिनती अमेरिका के सबसे ज्यादा कोरोना पीड़ित क्षेत्रों में होती थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां संक्रमण का आंकड़ा पैंतीस लाख के पार था और कोरोना की वजह से स्टेट में 58 हजार लोगों की मौत हुई थी.
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जीनोम सीक्वेंसिंग समेत कई रिसर्च के नतीजों से हालात पर काबू पाने में मदद मिल रही है. इसके बावजूद कोरोना को गंभीरता से नहीं लेने वाले लोग अपने परिवार और समाज के साथ देश के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं.
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