Bangladesh News: यूनुस ने कहा कि वह एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर कोई बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके और जहां किसी मंदिर की रखवाली की जरूरत न पड़े.
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Bangladesh News: बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हुई ज्यादती को पूरी दुनिया ने देखा. तख्तापलट के बाद हिन्दुओं पर कट्टरपंथियों ने जुल्म ढाए. हिन्दुओं के साथ बर्बरता के कई वीडियो भी सामने आए. मंदिरों को जला दिया गया.. हिन्दुओं के घर तोड़ दिए गए. अब उसी देश में धार्मिक सद्भावना की बात हो रही. बांग्लादेश अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने खुद अंतरधार्मिक सद्भावना का वादा किया है और हिन्दुओं को जन्माष्टमी की बधाई दी है. लेकिन उनके वादे में दम है या नहीं? ये बांग्लादेश के हिन्दू ही बयां कर पाएंगे.
यूनुस ने सोमवार को हिंदू समुदाय के नेताओं से मुलाकात की और जन्माष्टमी के अवसर पर उनके लिए एक स्वागत समारोह आयोजित करते हुए अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का संकल्प जताया. प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद कई दिनों तक हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया तथा मंदिरों में तोड़फोड़ की गई. अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन के बाद शेख हसीना पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे कर भारत चली गईं.
बैठक के दौरान यूनुस ने कहा कि वह एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर कोई बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके और जहां किसी मंदिर की रखवाली की जरूरत न पड़े. हिंदू नेताओं के एक समूह से उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जिम्मेदारी हर नागरिक के अधिकारों को बहाल करना है. हमारा काम हर नागरिक के लिए न्याय सुनिश्चित करना है.’’
देश की सरकारी ‘बीएसएस’ समाचार एजेंसी ने यूनुस के हवाले से कहा, ‘‘हमारे देश में लोगों के बीच कोई विभाजन नहीं हो सकता. हम समान नागरिक हैं. अंतरिम सरकार देश के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.’’ यूनुस के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर उनके हवाले से कहा, ‘‘बांग्लादेश एक बड़ा परिवार है, जहां सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की रक्षा करना है.’’
बैठक के दौरान बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बशुदेब धर, ढाका के रामकृष्ण मिशन के प्रमुख स्वामी पूर्णात्मानंद महाराज और काजोल देबनाथ एवं मोनिंद्र कुमार नाथ सहित हिंदू समुदाय के नेता उपस्थित थे. धर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने प्रोफेसर यूनुस से करीब एक घंटे तक बात की. उन्होंने कहा कि सभी बांग्लादेशी एक ही परिवार के सदस्य हैं. हम सांप्रदायिकता की किसी भी भावना को खत्म करेंगे.’’
बयान में कहा गया है कि यूनुस ने देश के हिंदू समुदाय के नेताओं का अभिवादन किया और अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का वादा किया. मुख्य सलाहकार कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिंदू नेताओं ने इस अवसर पर यूनुस को बधाई दी और कहा कि उन्होंने देश की सद्भावना और समृद्धि और अंतरिम सरकार के लिए भगवान श्रीकृष्ण से आशीर्वाद मांगा.
बयान में कहा गया है, ‘‘हिंदू नेताओं ने पुराने ढाका स्थित ढाकेश्वरी मंदिर में मुख्य सलाहकार की हाल की टिप्पणियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे देश में गैर-सांप्रदायिक समाज के निर्माण में मदद मिलेगी और समाज में धार्मिक सद्भाव सुनिश्चित होगा.’’ इसके साथ ही, उन्होंने ‘‘हिंदू मंदिरों की भूमि सहित हिंदुओं की संपत्ति हड़पने’’ का मुद्दा भी उठाया. यह स्वागत समारोह ऐसे समय में हुआ जब हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर और अन्य मंदिरों एवं मठों में भजन, कीर्तन कर जन्माष्टमी मनाई. जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में बांग्लादेश में सार्वजनिक अवकाश है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)