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पेरिस: फ्रांस (France) की सरकार ने कट्टरपंथियों पर कार्रवाई करते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं. इस्लामिक कट्टरपंथ ( Radical Islamist Propaganda) के मामलों से परेशान सरकार लगातार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. इस बीच गृह मंत्री गेराल्ड डार्मानिन (Gerald Darmanin) के हवाले से खुलासा हुआ है कि कट्टरपंथ और मजहबी उन्माद फैलाने के आरोप में करीब 30 मस्जिदों को बंद कर दिया गया है.
सरकारी बयान के मुताबिक बीते एक साल में करीब 89 संदिग्ध मस्जिदों का निरीक्षण किया गया, इसमें से एक तिहाई (यानी करीब 30) को बंद कर दिया है. सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कुछ चरमपंथी संगठनों को प्रतिबंधित किया है.
(फ्रांस के गृह मंत्री की फाइल फोटो)
आपको बता दें कि देश की इन विवादित मस्जिदों को बंद करने का अभियान नवंबर 2020 में शुरू हुया था. आपको बता दें कि फ्रांस की संसद ने इसी साल जुलाई में एक विधेयक पारित किया था जिसका मकसद मस्जिदों और अन्य धार्मिक संगठनों की सरकारी निगरानी को मजबूत करना और इस्लामिक चरमपंथियों के आंदोलनों के प्रभाव खत्म करना है मुकाबला करना है.
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न्यूज़ वेबसाइट rfi में प्रकाशित खबर के मुताबिक इसी सिलसिले में ‘राजनीतिक इस्लाम’ को बढ़ावा देने वाले 5 मुस्लिम संघों को बंद कर दिया गया है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अलगाववाद रोधी कानून के तहत देश में ऐसे 10 विवादास्पद संगठनों को बंद किया जाना है.
मंत्री गेराल्ड ने इससे पहले जानकारी दी थी कि ‘अलगाववाद विरोधी कानून’ (anti-separatism law) को लागू करने से पहले चरमपंथियों को शरण देने वाली 650 जगहों को बंद कर दिया गया था. फ्रांस पुलिस ने देश में 24000 जगहों की जांच की थी. कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के आरोप में मस्जिदों की जांच हुई थी. ताजा जानकारी के मुताबिक अभी विभिन्न इलाकों में स्थित 6 और मस्जिदें बंद करने पर विचार हो रहा है.
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अथॉरिटी इस्लामिक प्रकाशक नवा (NAWA) और ब्लैक अफ्रीकन डिफेंस लीग (LDNA) को भी खत्म करने के बारे में सोच रही है. इन दोनों संगठनों ने पिछले साल जून में पेरिस में अमेरिकी दूतावास के बाहर पुलिस हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया था. नवा पर दक्षिणी कस्बे एरिज में प्रभुत्व रखता है. यहां उस पर यहूदियों को डराकर भगाने और समलैंगिकों के खिलाफ पत्थरबाजी को वैध बताने का आराेप है.
गृह मंत्री के मुताबिक अभी तक हुई कार्रवाई में 205 संघों के बैंक खातों को बंद किया गया है और दो इमामों को देश से बाहर निकाला गया है. गेराल्ड ने कहा, 'हम उन लोगों में आतंक भरना चाहते हैं जो हमारे खिलाफ आतंक फैलाना चाहते हैं. विदेशी धार्मिक अधिकारी वर्ष 2023 से फ्रांस में नहीं आ सकेंगे. वहीं जो विदेशी धर्माधिकारी यहां आ चुके हैं, उनका निवास परमिट को बढ़ाया नहीं जाएगा.'