Palestinian Islamic Jihad History: इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच गाजा से दिन दहला देने वाली घटना सामने आई है और गाजा के सिटी अस्पताल में भीषण बम धमाका हुआ, जिसमें 500 लोगों की जान चली गई है. इस हमले को लेकर हमास और इजरायल ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है. हमास ने इसे युद्ध अपराध कहा है तो इजरायल ने इसे इस्लामिक जिहाद कहा है. अल अहली अरब अस्पताल पर हमले को लेकर इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि अस्पताल पर हमला करने वाले रॉकेट को दागने के लिए फिलीस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) जिम्मेदार है. क्या आप जानते हैं कि पीआईजे क्या है, इसकी शुरुआत कब और क्यों हुई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1981 में शुरू हुआ था फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) भी हमास की तरह ही एक कट्टरपंथी संगठन है, जो फिलिस्तीन के गाजा में एक्टिव है. इसकी शुरुआत साल 1981 में मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर मिस्र में हुई थी, जिसकी बुनियाद फतेही शक्काकी और अब्द अल-अजीज अवदा ने रखी थी और इसका मुख्यालय सीरिया की राजधानी दश्मिक में है. शुरुआत से ही इसे ईरान और सीरिया का समर्थन मिला हुआ है. PIJ भी हमास की तरह ही कट्टरपंथी संगठन है, लेकिन कुछ मौकों पर वह हमास को चुनौती दे चुका है और चरमपंथी गतिविधियों में हमास से ज्यादा एक्टिव है. पीजेआई को इजराइल अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और जापान ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद को शुरू करने का मकसद?


साल 1948 में इजरायल और अरब देशों के बीच जंग छिड़ी थी. इस जंग में इजरायल के खिलाफ सीरिया, इराक, अरब, मिस्र और जॉर्डन जैसे देश थे. यह युद्ध करीब 10 महीने तक चला और अंत में इजराइल ने जीत हासिल करे हुए फिलिस्तीन के कुछ हिस्सों और यरुशलम के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया. इसके बाद फिलिस्तीन के कई संगठन एक्टिव हुए और इनमें से भी एक संगठन फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) साल 1981 में बना, जिसका मकसद पश्चिमी तट, गाजा और नया इजराइल कहे जाने वाले इलाके को मिलाकर इस्लामी फिलिस्तीनी स्टेट का गठन करना था.


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद को ईरान देता है आर्थिक मदद


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) को ईरान और सीरिया का समर्थन मिला हुआ है, लेकिन ईरान इसको आर्थिक रूप से भी मदद करता है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि ईरान आर्थिक मदद से साथ ही फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के आतंकियों को ट्रेनिंग भी देता है. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि ईरान ने साल 1988 में पीआईजे को 2 मिलियन डॉलर यानी करीब 16.65 करोड़ रुपये दिए थे और इसके बाद से लगातार ईरान फंडिंग को बढ़ाता रहा है.


पीआईजे के पास हैं लंबी दूरी की रॉकेट


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) सत्ताधारी गुट हमास (Hamas) से काफी छोटा है, लेकिन ताकत के मामले में यह हमास के बराबर है. पीआईजे को ईरान से लगातार पैसे और हथियारों मिलते हैं और इस वजह से यह लगातार इजरायल के लिए मुसीबत बनता रहा है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के पास लंबी दूरी के रॉकेट के अलावा कई खतरनाक हथियार हैं, जिसके दम पर वो इजराइल के कई शहरों तक मार करने में सक्षम है.


ईरान में रहते हैं पीआईजे के बड़े सरगना


फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) भले ही फिलिस्तीन के गाजा में एक्टिव है और इसका बेस भी गाजा में है, लेकिन इसके बड़े सरगना, ईरान, सरगना और लेबनान में रहते हैं. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, पीआईजे के बड़े सरगना के ईरानी सरकार से काफी करीबी संबंध हैं.