मोबाइल के चक्कर में घंटों तक दो पत्थरों के बीच फंसी रही लड़की, जानिए कैसे निकली बाहर
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मोबाइल के चक्कर में घंटों तक दो पत्थरों के बीच फंसी रही लड़की, जानिए कैसे निकली बाहर

मोबाइल फोन वापस हासिल करने के लिए एक लड़की ने अपना जान को दांव पर लगा दिया. मोबाइल बचाने की कोशिशों के दौरान लड़की दो पत्थरों के  बीच फंस जाती है. जिसके बाद उसका वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है. जानिए फिर आगे क्या है.

मोबाइल के चक्कर में घंटों तक दो पत्थरों के बीच फंसी रही लड़की, जानिए कैसे निकली बाहर

मोबाइल फोन इस समय हर इंसान के लिए सबसे उपयोगी और आवश्यक चीज बन चुका है. कुछ समय के लिए फोन से दूर कर दिया जाए तो ऐसा लगने लगता कि मानो दुनिया से ही कट गए. फोन को सुरक्षित रखने के लिए कई बार लोग हैरान कर देने वाली हरकतें कर देते हैं. हाल ही में एक खबर सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक 20 वर्षीय लड़की अपने फोन को बचाने के चक्कर में मौत के मुंह से निकलकर वापस आई है. लड़की का कहना है कि खुद के वापस घर जाने की उम्मीदें खो चुकी थी. 

घटना ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर का बताई जा रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक 20 वर्षीय मटिल्डा कैंपबेल अपने दोस्तों के साथ सिडनी शहर से 150 मील दूर हंटर वैली में थी. इसी दौरान उसका मोबाइल फोन भारी पत्थरों के बीच गिर जाता है. मोबाइल फोन वापस हासिल करने की कोशिशों के दौरान मटिल्डा का पैर फिसल जाता है और वो भारी पत्थरों के बीच उल्टी फंस जाती है. मटिल्डा की पत्थरों के बीच लटकते हुए कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. 

जंगल में नहीं आ रहे थे नटवर्क:

मटिल्डा के दोस्त उसे बचाने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाते. जिसके बाद उन्होंने इमरजेंसी हेल्पलाइन का सहारा लेना चाहा लेकिन घने जंगल में होने की वजह से नेटवर्क नहीं थे. इसके बाद उसके दोस्त गाड़ी में बैठकर एक ऐसी जगह पहुंचते हैं जहां नेटवर्क आते हैं और फिर इमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करके मदद मांगते हैं. तकरीबन एक घंटे बाद पहुंचे सुरक्षकर्मियों का कहना है कि मटिल्डा को बचाने के लिए उन्हें कई बड़े पत्थरों (500Kg) को हटना पड़ा. इस दौरान उन्हें तार-रस्सी समेत कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल भी करना पड़ा.

दोस्तों को लेकर क्या बोली?

इस बात की जानकारी खुद मटिल्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए दी है. वो कहते हीं कि एक समय पर मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं इन पत्थरों के बीच बाहर नहीं निकल पाऊंगी. उन्होंने कहा कि मैं खुद को कोस रही थी क्योंकि मैं अपने परिवार को यह बताने में असमर्थ थी कि मैं उन्हें कितना प्यार करती हूं. मटिल्डा इस मौके पर अपने उन साथियों का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उसकी जान बचाने में मदद की. वो लिखती हैं,'मैं हमेशा आभारी रहूंगी, क्योंकि शायद वो ना होते तो मैं आज यहां नहीं होती.' उन्होंने कहा, 'मुझे यह भी उम्मीद है कि यह लोगों के लिए एक अच्छा संदेश है कि वे फ़ोन के लिए खुद को खतरे में न डालें, जैसा कि मैंने किया था.'

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