Stephen Hawking birth anniversary: स्टीफन हॉकिन्स की आज बर्थ एनिवर्सिरी है. 50 साल से ज्यादा समय तक व्हीलचेयर पर पड़े रहने के बावजूद उन्होंने कभी खुद को विकलांग नहीं माना.
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Stephen Hawking profile: जन्म और मृत्यु का चक्र हमेशा चलता रहता है. साल का हर दिन किसी की जन्मतिथि तो किसी की पुण्यतिथि के रूप में इतिहास में दर्ज है. आज की तारीख आठ जनवरी की बात करें 8 जनवरी, 1942 को ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म हुआ. बेहद गंभीर शारीरिक विकारों के बावजूद उन्होंने अंतरिक्ष (Space) के बहुत से रहस्यों से पर्दा उठाया.
ऐसे लोग विरले होते हैं...
स्टीफन विलियम हॉकिंग का जीवन कभी हार न मानने वाले हौसले और अदम्य साहस की मिसाल है. उन्होंने साबित कर दिया कि कोई इंसान शरीर से विकलांग हो सकता है पर दिमाग से नहीं. असाधारण प्रतिभा के धनी हॉकिंग को ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्वांत को प्रतिपादित करने का श्रेय हासिल है. उनका जीवन कभी हार न मानने वाले हौसले और अदम्य इच्छाशक्ति की मिसाल है.
प्रोफेसर स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था. उन्हें ब्लैक होल और सापेक्षता के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व काम के लिए जाना जाता है. इसके अलावा, वे कई पॉपुलर और बेस्ट सेलर साइंस बुक्स पुस्तकों के लेखक थे. उनकी कुछ बेहद चर्चित किताबों की बात करें तो 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम', 'ब्लैक होल्स' और 'बेबी यूनिवर्स एंड अदर एसेज़' का नाम सबसे पहले आता है.
हार नहीं मानी
बचपन में एक बार वो सीढ़ियों से गिर गए थे. जब 21 वर्ष के थे, उनकी तबीयत बिगड़ी तो पिता अस्पताल ले गए, वहां जांच के बाद पता यह चला कि उन्हें एमियोट्रोफिक लेटरल स्कलेरोसिस (ALS) नाम की गंभीर बीमारी पकड़ चुकी थी. यह साल 1963 था, हॉकिंग को उनके 21वें जन्मदिन के बाद मोटर न्यूरॉन रोग के एक रूप, एएलएस का पता चला. इस बीमारी की वजब से उनके शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगे. उस समय डॉक्टरों ने उनसे कहा कि आप ज्यादा से ज्यादा 2 साल के मेहमान हैं. पहले तो उन्हें धक्का लगा, फिर उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, 'पूरे 50 साल तक जिंदा रहूंगा'. उस समय वो व्हीलचेयर पर थे और कामचलाऊ बातचीत करने के लिए भी कम्प्यूटरीकृत वॉयस सपोर्ट सिस्टम पर निर्भर थे, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी'. अपने रिसर्च से वो अपने दौर के श्रेष्ठ वैज्ञानिक साबित हुए. हालांकि वो करीब 76 साल जिए.
53 साल व्हील चेयर पर रहे
स्टीफन का कहना था कि उनकी शारीरिक अक्षमताओं के चलते ही उन्हें ब्रह्मांड को लेकर की गई रिसर्च पर सोचने का काम मिला. उनकी स्टडी ने साबित किया कि दुनिया में कोई अपंग नहीं है. उन्होंने कहा था, हमारा दिमाग एक कंप्यूटर की तरह है, जो उसके अलग-अलग पार्ट के फेल होने के चलते काम करना बंद कर देता है. अपनी करीब 76 साल की लाइफ में वो 53 साल व्हीलचेयर पर ही रहे.
हॉकिंग की फैमिली लाइफ की बात करें तो उनके तीन बच्चे और तीन पोते-पोतियां हैं. उन्होंने कभी अपनी बीमारी या अपने परिवार को अपने शोध की राह में बाधा नहीं बनने दिया. उन्होंने सैद्धांतिक भौतिकी में अपने शोध को जारी रखा.