हमास ने 2011 में हस्ताक्षरित काहिरा समझौते को लागू करने के लिए फतह से वार्ता करने के मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी इच्छा जताई, जिसमें सुलह के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं.
Trending Photos
गाजा: गाजा पट्टी पर 2007 से शासन करने वाले हमास आंदोलन ने रविवार (17 सितंबर) को कहा कि वह फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास की आम सहमति वाली सरकार को क्षेत्र (गाजा पट्टी) को सौंपने के लिए तैयार है. एक आधिकारिक बयान में हमास ने क्षेत्र का प्रबंधन करने के लिए मार्च 2016 में बनाई गई प्रशासनिक समिति को भंग करने की घोषणा की और इस मिशन को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला की अगुवाई वाली आम सहमति की सरकार को गाजा पट्टी आने का आमंत्रण दिया.
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, हमास ने चुनाव पर भी सहमति जताई, जो फतह व हमास गुटों में मतभेद के कारण गाजा में 2006 से नहीं हो सके हैं. हमास ने 2011 में हस्ताक्षरित काहिरा समझौते को लागू करने के लिए फतह से वार्ता करने के मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी इच्छा जताई, जिसमें सुलह के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं.
हमास की हालिया घोषणा फिलिस्तीन को सुलह के रास्ते पर ले जाती है. हमास ने अपने बयान में कहा है कि वह मिस्र के उदार प्रयासों पर प्रतिक्रिया दे रहा है, जो विभाजन को खत्म करने, सुलह हासिल करने व राष्ट्रीय एकता को हासिल करने की हमारी इच्छा के सिलसिले में मिस्र की इच्छा को दिखाता है.
इजरायल ने हमास कैदियों से परिजनों के मिलने पर रोक लगाई
इससे पहले इजरायल की जेल सेवा ने इस्लामिक हमास मूवमेंट के कैदियों से उनके रिश्तेदारों के मिलने पर रोक लगा दी थी. 'एफे' की रिपोर्ट के अनुसार, जेल सेवा के एक प्रवक्ता ने गुरुवार (29 जून) को इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. वहीं, गाजा के अधिकारियों ने कहा था कि यह निर्णय 'कैदियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा' की तरह है. हमास किसी भी हालत में इसे प्रभावी नहीं होने देगा.
हमास कैदियों से संबंधित मामले के अधिकारी अब्दुल रहमान शादिद ने इजरायल के निर्णय की निंदा करते हुए कहा था कि ऐसा इजरायली कैदियों को मुक्त करने के लिए हमास पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है. उन्होंने इजरायल के इस कदम को सिरे से खारिज कर दिया. 'वाईनेट' वेबसाइट के अनुसार, इजरायल के इस निर्णय से वहां की जेलों में बंद 1,200 कैदी प्रभावित होंगे. इसका उद्देश्य हमास को उन दो इजरायली सैनिकों के शव लौटाने के लिए बाध्य करना है, जो गाजा में 2014 में मारे गए थे.