Israel Hezbollah war ceasefire: इजराइल और हिजबुल्‍लाह के बीच जारी जंग अब खत्‍म हो सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों पक्षों द्वारा सीजफायर पर सहमति जताने के बाद नेतन्‍याहू की कैबिनेट इस फैसले पर अधिकारिक मुहर लगा सकती है. यह संघर्ष शुरू होने के करीब 2 महीने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा है, जिस पर इजरायल और हिज्बुल्लाह दोनों ने इस पर सहमति जताई है.


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सीजफायर से पहले हिजबुल्‍लाह को तबाह करने की कोशिश


इजराइली मीडिया के मुताबिक सीजफायर एग्रीमेंट सोमवार, 25 नवंबर को ही तैयार कर लिया गया था. अब आज 26 नवंबर को इजराइली नेशनल सिक्योरिटी कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है. हालांकि, सीजफायर पर तब साइन हो रहे हैं, जब इजराइल ना केवल हिजबुल्‍लाह के चीफ समेत कई कमांडर्स को मार चुका है, बल्कि हिजबुल्लाह के लगभग सभी प्रमुख ठिकानों को भी नष्ट कर चुका है.


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हिजबुल्लाह ने दी सकारात्‍मक प्रतिक्रिया


सीजफायर की चर्चा शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट हमलों की तीव्रता घटा दी है. सोमवार को केवल डबल डिजिट में रॉकेट दागे गए, जबकि बीते दिनों हिजबुल्‍लाह ने इजराइल पर रॉकेट्स की बारिश कर दी थी. ऐसे में रॉकेट्स की संख्‍या में कमी को इस शांति समझौते की दिशा में एक संकेत माना गया.


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क्‍या है सीजफायर और इसके समझौते?


जब 2 पक्ष संघर्ष या युद्ध में हों तो इसे रोकने के लिए उनके बीच एक अस्थायी या स्थायी समझौता है. जिसमें कुछ शर्तें शामिल होती हैं. इजराइल और हिजबुल्‍लाह के बीच की जा रही सीजफायर डील में मोटे तौर पर 3 चरण हैं.


रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समझौते के पहले चरण में संघर्ष विराम के तहत हिजबुल्लाह लिटानी नदी के उत्तर से अपनी सेनाएं हटाएगा. वहीं इजराइली सेना ने दक्षिणी लेबनान में जो जमीन कब्जाई है वह उसे खाली करेगा. दूसरे चरण में विवादित सीमा क्षेत्रों के मुद्दे को शांति से निपटाने के लिए इजराइली और लेबनानी दलों से बीच में शांति वार्ता शुरू की जाएगी. वहीं तीसरे चरण के तौर पर अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था को युद्धविराम की शर्तों की निगरानी के लिए भेजा जाएगा. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शर्तों का पालन सही से हो रहा है या नहीं.


क्‍या इजराइल को मिलेगा फ्रीहैंड?


ऐसा माना जा रहा है कि इजराइल को उम्मीद है कि अमेरिका उसे खुली छूट देगा कि अगर हिजबुल्लाह फिर से समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है तो वह सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. हालांकि ऐसा होता है या नहीं, यह वक्‍त ही बताएगा.