India Slams Pakistan: मैं और भी बातें कह सकता हूं, लेकिन यहीं समाप्त करता हूं... UN में भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान को धो डाला
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India Slams Pakistan: मैं और भी बातें कह सकता हूं, लेकिन यहीं समाप्त करता हूं... UN में भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान को धो डाला

IFS Parvathaneni Harish Slams Pakistan: तीन प्रत्यक्ष और एक अप्रतक्ष्य युद्ध (कारगिल) में भारत के हाथों मुंह की खा चुका पाकिस्तान सुधरने को राजी नहीं है. 'आतंकवाद' को भारत के खिलाफ 'स्टेट पॉलिसी' और टूल मानकर रोज रोज आग से खेल रहे पाकिस्तान को भारतीय अधिकारी ने जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बहस के दौरान लताड़ लगाई. 

Seasoned diplomat Parvathaneni Harish

India Slams Pakistan in UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बहस के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और इस कदम को 'घृणित' और 'शरारती उकसावा' करार दिया. यूएनएससी में 'बदलते माहौल में शांति स्थापित कर रही महिलाएं' विषय पर बहस के दौरान, संयुक्त में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने फोरम में जम्मू-कश्मीर (J&K) को लाने की पाकिस्तान की कोशिश की आलोचना की. हरीश ने कहा, "यह घृणित है, लेकिन पूरी तरह से अनुमान लगाने योग्य है कि एक प्रतिनिधिमंडल गलत सूचना और दुष्प्रचार फैलाने की अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल हो गया. इस महत्वपूर्ण वार्षिक बहस में इस तरह के राजनीतिक प्रचार में शामिल होना पूरी तरह से गलत है."

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत सबसे खराब

हरीश ने पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में की गई टिप्पणी के बाद अपनी बात रखी. उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, "हम अच्छी तरह जानते हैं कि उस देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदू, सिख और ईसाई महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है. पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाओं को हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होना पड़ता है. मैं और भी बातें कह सकता हूं, लेकिन मैं यहीं समाप्त करता हूं.'

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स्विटजरलैंड का आभार

भारत ने बहस के आयोजन के लिए स्विट्जरलैंड का भी आभार व्यक्त किया और महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. हरीश ने कहा, 'जैसा कि हम परिषद के प्रस्ताव 1325 की 25वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, भारत महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.'

तीन प्रत्यक्ष और एक अप्रतक्ष्य युद्ध (कारगिल) में भारत के हाथों मुंह की खा चुका पाकिस्तान सुधरने को राजी नहीं है. 'आतंकवाद' को भारत के खिलाफ 'स्टेट पॉलिसी' और टूल मानकर रोज रोज आग से खेल रहे पाकिस्तान को भारतीय अधिकारी ने जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बहस के दौरान लताड़ लगाई तो हॉल में तालियां बजने लगीं.

2007 में लाइबेरिया में पहली महिला पुलिस इकाई की तैनाती को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'भारत ने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली महिला पुलिस इकाई तैनात की, जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में एक मिसाल कायम की. उनके काम को लाइबेरिया और संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त सराहना मिली. हरीश ने बताया कि वर्तमान में 100 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक दुनिया भर में कार्यरत हैं, जिनमें तीन महिला दल भी शामिल हैं. उन्होंने मेजर राधिका सेन का भी जिक्र किया जिन्हें 2023 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में उनकी सेवा के लिए यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड मिला. (आईएएनएस)

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