India Vietnam: ड्रैगन को उसी की चाल से चित्त करने में लगा भारत, संबंध मजबूत करने चीन के इस पड़ोसी देश में पहुंचे डॉ जयशंकर
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India Vietnam: ड्रैगन को उसी की चाल से चित्त करने में लगा भारत, संबंध मजबूत करने चीन के इस पड़ोसी देश में पहुंचे डॉ जयशंकर

India  Against China: भारत अब चीन को उसी की चाल से चित्त करने में लगा हुआ है. वह अब उसके पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों को लगातार प्रगाढ़ कर रहा है.

India Vietnam: ड्रैगन को उसी की चाल से चित्त करने में लगा भारत, संबंध मजबूत करने चीन के इस पड़ोसी देश में पहुंचे डॉ जयशंकर

India Vietnam Latest Updates: विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वियतनाम के उनके समकक्ष बुई थान सोन ने भारत-वियतनाम कूटनीतिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर सोमवार को संयुक्त रूप से दो स्मारक डाक टिकट जारी किए. उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर हुए व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. डॉ जयशंकर रविवार को वियतनाम की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे थे. वहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री फाम मिन चिन से मुलाकात कर पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामनाएं भी दीं. 

जारी हुआ स्मारक डाक टिकट

सरकारी वियतनाम न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार, सोमवार को जारी हुए स्मारक डाक टिकट वियतनाम और भारत (India Vietnam) की पारंपरिक मार्शल आर्ट वोविनाम और कलारीपट्टू को दर्शाते हैं. इसमें दोनों देशों के संयुक्त ध्वज की एक तस्वीर भी है. खबर में कहा गया है कि कलारीपट्टू पर डाक टिकट का डिजाइन भारतीय चित्रकार ब्रह्म प्रकाश ने बनाया है जबकि वोविनाम पर डाक टिकट का डिजाइन वियतनामी चित्रकार फाम त्रुंग हा ने बनाया है. 

संबंधों के 50 साल हुए पूरे

डॉ जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘भारत और वियतनाम के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर स्मारक डाक टिकटों का संयुक्त रूप से अनावरण किया.’ उन्होंने कहा, ‘कलारीपट्टू और वोविनाम को दर्शाने वाले टिकट खेलों के प्रति हमारा साझा लगाव दिखाते हैं. साथ ही भारत और वियतनाम के बीच मजबूत सांस्कृतिक, सामाजिक और लोगों के बीच संबंधों को रेखांकित करते हैं.’ 

वियतनाम से संबंध हुए मजबूत

भारत और वियतनाम ने सात जनवरी 1972 को आधिकारिक रूप से कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे और 2016 में अपने संबंधों का व्यापक रणनीति साझेदारी के स्तर तक विस्तार किया था. जयशंकर ने हनोई की यात्रा के दौरान वियतनाम के पूर्व विदेश मंत्री गुयेन डी निएन से भी मुलाकात की. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘वियतनाम के पूर्व विदेश मंत्री (2000-06) गुयेन डी निएन से यादगार बातचीत हुई. 1950 के दशक में बीएचयू के छात्र होने के नाते भारत और वाराणसी के प्रति उनकी भावनाएं वास्तव में प्रेरक हैं.’ जयशंकर वियतनाम से सिंगापुर जाएंगे और 19- 20 अक्टूबर को वहां की यात्रा करेंगे. 

(एजेंसी भाषा)

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