पढ़ने के लिए गया अमेरिका, रद्द हुआ वीजा तो लोगों को बेवकूफ बनाकर 800,000 डॉलर का बना मालिक
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पढ़ने के लिए गया अमेरिका, रद्द हुआ वीजा तो लोगों को बेवकूफ बनाकर 800,000 डॉलर का बना मालिक

जिन लोगों से ठगी की गई उनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के हैं.

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वॉशिंगटन: अमेरिका में एक भारतीय को 400 से अधिक लोगों से कम से कम 800,000 डॉलर ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जिन लोगों से ठगी की गई उनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के हैं. किशोर बाबू अम्मीसेत्ती (30) को कथित ‘‘प्रोविजनल क्रेडिट’’ योजना के जरिए धोखाधड़ी करने के आरोप में 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया. अम्मीसेत्ती को कनेक्टिकट के हार्टफोर्ड में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश डोना मार्टिनेज के समक्ष बुधवार को पेश किया गया.  उसे हिरासत में लेने का आदेश दिया गया. संघीय अभियोजकों ने कहा कि अम्मीसेत्ती 2013 में छात्र वीजा पर अमेरिका आया था जो 2014 में रद्द कर दिया गया.

अम्मीसेत्ती ने लोगों से ठगी करने के लिए फेसबुक मार्केटप्लेस और अन्य मीडिया का इस्तेमाल किया जो बेचने के लिए सामान और किराये के लिए कमरे का विज्ञापन करती हैं. इस योजना के जरिए अम्मीसेत्ती कोई सामान खरीदने या कमरा किराये पर लेने के लिए पीड़ित से संपर्क करता.  वह पीड़ित के बैंक खाते में रकम जमा कराने की आड़ में उनकी बैंक खाता सूचना और अन्य निजी जानकारियां एकत्र कर लेता था.

इसके बाद वह पीड़ित के बैंक से संपर्क करता, और खुद को खाताधारक बताकर कहता कि उसने कुछ धनराशि एटीएम के जरिए जमा की थी लेकिन वह राशि उसके खाते में नहीं पहुंची. शिकायत में आरोप लगाया गया कि इस जमा की गई धनराशि की जांच करते हुए बैंक पीड़ित के खाते में प्रोविजिनल क्रेडिट डाल देता.

इसके बाद अम्मीसेत्ती पीड़ित से संपर्क करता और दावा करता कि उसने पीड़ित के बैंक खाते में गलती से प्रोविजिनल क्रेडिट डाल दिया.  इसके बाद वह उस धनराशि को पूरी या आंशिक रूप से वापस करने का अनुरोध करता. संघीय जांचकर्ताओं ने कहा कि जब बैंक जांच करता कि पीड़ित के खाते में कोई अपंजीकृत जमा राशि नहीं है तो प्रोविजिनल क्रेडिट के रूप में दी गई निधि खाते से वापस ले ली जाती. 

इनपुट भाषा से भी 

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