यूके में रह ही एक भारतीय छात्रा का लिंक्डइन पोस्ट काफी वायरल हो रहा है. जिसमें उसका कहना है कि वो एक महीने के लिए मुफ्त में काम करने को तैयार है. बिना साप्ताहिक अवकाश लिए 12-12 घंटे काम करने को तैयार है लेकिन इसके आगे उसने एक शर्त रख दी है.
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लगभग हर कर्मचारी को अपनी सैलरी कम ही लगती है लेकिन एक भारतीय महिला मुफ्त में काम करने को तैयार है. हालांकि उसकी शर्त सिर्फ इतनी है कि वो यूके में काम करना चाहती है. यूके. में बिना वेतन के काम करने की पेशकश करने के बाद यह लड़की सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है. स्वेता कोथंडन नाम की इस महिला ने लिंक्डइन पर इस संबंध में लंबी-चौड़ी पोस्ट भी लिखी है. पोस्ट में महिला दावा करती है कि उसे यूके में रहना है और इसके लिए वो मुफ्त में भी काम करने को तैयार हैं. लड़की ने कहा कि मुझे एक महीने के लिए मुफ्त में काम पर रखें, अगर मैं काम नहीं करती तो मुझे तुरंत नौकरी से निकाल दिया जाए.
पोस्ट करने वाले स्वेता ने लीसेस्टर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएससी की डिग्री हासिल की है. लड़की ने कहा कि वह यूके में वीजा स्पॉन्सर्ड नौकरी हासिल करने के लिए बहुत कोशिश कर चुकी है लेकिन उसे अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली है. अब निर्वासन से बचने के लिए लड़की ने एक महीने के लिए मुफ्त में काम करने की पेशकश की है. इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि अगर उसकी कंपनी उसके काम से नाखुश है तो वह उसे बिना किसी नोटिस या मुआवजे के नौकरी से निकाल सकती है. लड़की बिना किसी साप्ताहिक अवकाश और ओवर टाम के साथ काम करने को तैयार है.
लड़की लिखती है,'अगर आप डिज़ाइन इंजीनियर के लिए काम पर रखने वाले यूके के नियोक्ता हैं तो आपको मुझे काम पर रखने का पछतावा नहीं होगा. मैं अपनी योग्यता साबित करने के लिए हर दिन 12 घंटे और हफ्ते में 7 दिन काम करूंगी. अगर आप इसे पढ़ रहे एक अंतर्राष्ट्रीय छात्र हैं, तो मैं हमेशा आभारी रहूंगी अगर इसे रिपोस्ट करते हैं तो.' लड़की ने पोस्ट में लिखा,'मुझे ऐसा लगता है कि मेरी डिग्री या क्षमताओं की कोई कीमत ही नहीं है. मैंने 300 से ज्यादा नौकरियों के लिए आवेदन किया है.' लड़की आगे कहती है,'यह लिंक्डइन पोस्ट यूके में फ्यूचर को सुरक्षित करने का मेरा आखिरी मौका है.'
महिला की पोस्ट, जिसे एक महीने पहले शेयर किया गया था, लिंक्डइन और रेडिट पर वायरल हो गई है. सोशल मीडिया पर इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. जहां कुछ लोगों ने काम पर वापस लौटने से बचने के लिए महिला की 'हास्यासपद' हद तक जाने की आलोचना की, वहीं अन्य ने कंपनियों के लिए अवास्तविक उम्मीदें पैदा करने के लिए उसकी आलोचना की. एक यूजर ने लड़की की आलोचना करते हुए लिखा,'यह विदेश में भारतीयों की छवि बर्बाद कर रही है और काबिल उम्मीदवारों की संभावनाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही हैं.' यूजर ने आगे आरोप लगाया कि यह अक्सर अमीर/बिगड़े हुए लोगों के साथ होता है.
हालांकि, कुछ उपयोगकर्ताओं ने महिला के साथ सहानुभूति जाहिर की और साझा किया कि यह छात्र कर्ज के कारण हो सकता है. वह ब्रिटेन में नौकरी खोजने की इतनी बेताबी से कोशिश कर रही है. मैं कल्पना नहीं कर सकता कि उसके दिमाग में अभी क्या चल रहा है, 30 दिनों में उसे नौकरी मिलनी है या फिर उसे चुकाने के लिए बहुत बड़ा कर्ज के साथ भारत वापस जाना होगा.
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