‘शी जिनपिंग को उनकी गलतियां याद दिलाने का वक्त आया’- भारतीय मूल के US सांसद का बड़ा बयान
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‘शी जिनपिंग को उनकी गलतियां याद दिलाने का वक्त आया’- भारतीय मूल के US सांसद का बड़ा बयान

US-China Relations: सांसद राजा कृष्णमूर्ति  ने कहा, ‘हम सीधे-सादे बनकर नहीं रह सकते. हमें अपनी रक्षा करने, आक्रामकता से निपटने और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है...'

‘शी जिनपिंग को उनकी गलतियां याद दिलाने का वक्त आया’- भारतीय मूल के US सांसद का बड़ा बयान

World News in Hindi:  अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन की गिरती अर्थव्यवस्था ने दोनों देशों के बीच शिखर सम्मेलन से पहले बातचीत में अमेरिकी स्थिति को मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग से कहें कि ‘वे पीछे मुड़कर देखें कि उन्होंने क्या-क्या गलतियां की हैं.’

बाइडन-जिनपिंग द्विपक्षीय वार्ता एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन से इतर होगी. इस सम्मेलन का आयोजन अमेरिका 11 से 17 नवंबर तक सैन फ्रांसिस्को में कर रहा है.

2023 में दूसरी मुलाकात
इस वर्ष में यह बाइडन और जिनपिंग की दूसरी आमने-सामने की मुलाकात होगी. दोनों नेताओं ने इससे पहले 14 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बैठक की थी.

भारतीय-अमेरिकी सांसद ने ‘जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज’ में कहा, ‘यह वह समय है जब हम शी जिनपिंग से कहें कि वह पीछे मुड़कर देखें, उन्होंने क्या-क्या गलतियां की हैं. जिस राह पर वह चल रहे हैं, उससे लौट आएं. अपने वादे निभाएं, निष्पक्षता से प्रतिस्पर्धा करें, जातिसंहार, अपनी आर्थिक तथा सैन्य आक्रामकता रोकें.’

कृष्णमूर्ति अमेरिका और ‘चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की प्रवर समिति के रैंकिंग सदस्य हैं.

हम सीधे-सादे बनकर नहीं रह सकते
अमेरिकी सांसद ने कहा, ‘लेकिन हम सीधे-सादे बनकर नहीं रह सकते. हमें यह मानना होगा कि शी इनमें से कुछ भी नहीं करेंगे. इसलिए, हमें अपनी रक्षा करने, आक्रामकता से निपटने और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है... हमें सुरक्षा और सवालों को ध्यान में रखना होगा.’

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘लेकिन शायद एक मौका जरूर हो सकता है. जिनपिंग  ने अपनी अपनी जीरो-कोविड नीतियों को वापस ले लिया था क्योंकि उन्हें अहसास हो गया था कि उनकी रणनीति पूरी तरह से विनाशकारी थी.’

(इनपुट - भाषा)

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