Israel-Iran war: ट्रंप के सत्ता संभालते ही लगने लगा है कि ईरान के लिए बुरे दिन आने वाले हैं. खौफ उसे इतना है कि अभी से ट्रंप से दबाव नीति को कम करने को कह रहा है. इजरायल जिस तरह हमास और हिजबुल्ला के पीछे पड़ा है, उसको देखते हुए और ट्रंप के पुराने दिनों को याद करते हुए ईरान ने पूरी दुनिया को धमकी दी है.
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Iran warns of potential war expansion: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरी दुनिया में एक अलग तरह का खौफ बना हुआ है. सबसे अधिक मिडिल-ईस्ट में सभी की नजरें हैं कि अब ट्रंप क्या करने वाले हैं. ट्रंप की जीत के बाद ईरान की बौखलाहट बढ़ गई है. तभी तो ईरान के विदेश मंत्री ने बहुत बड़ी चेतावनी दी है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि अगर युद्ध बढ़ा तो इसका असर सिर्फ पश्चिम एशिया में नहीं होगा. इससे दुनिया के कई और हिस्सों में भी अस्थिरता फैलेगी.
ईरान की धमकी, जंग बढ़ा तो पूरी दुनिय में होगा इसका असर
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चेतावनी दी है कि लेबनान और गाजा में जारी युद्ध अगर और बढ़ा तो इसका असर पश्चिम एशिया से बाहर भी होगा. उन्होंने कहा कि इजरायल ने गाजा और लेबनान में युद्ध विराम स्थापित करने के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया और इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय यहूदी राष्ट्र के अपराधों को रोकने में नाकाम रहा.
अराघची ने चेतावनी देते हुए कहा, "दुनिया को पता होना चाहिए कि अगर युद्ध फैलता है, तो इसके प्रतिकूल प्रभाव केवल पश्चिम एशिया क्षेत्र तक ही सीमित नहीं होंगे. असुरक्षा और अस्थिरता ऐसी चीजें हैं जो अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकती हैं, यहां तक कि बहुत दूर तक भी." सरकारी ईरानी एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक तेहरान में 'नसरल्लाह स्कूल ऑफ थॉट' नामक एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने यह टिप्पणी की.
इजरायल के कोहराम से ईरान परेशान
अराघची ने कहा कि इजरायल ने अपनी आक्रामकता और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के कृत्यों को जारी रखते हुए न केवल क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि इसने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती पैदा की. अपने भाषण में, शीर्ष ईरानी राजनयिक ने चेतावनी दी कि इजरायली शासन ने लेबनान के खिलाफ हाइब्रिड युद्ध शुरू कर दिया. जिसमें सैन्य, खुफिया और मीडिया उपकरण शामिल हैं.
ट्रंप ईरान से कर रहा आग्रह
इजरायल टाइम्स की खबर के मुताबिक, ईरान ने शनिवार को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया कि वे अपने पहले कार्यकाल के दौरान तेहरान के खिलाफ अपनाई गई “अधिकतम दबाव” नीति पर पुनर्विचार करें. रणनीतिक मामलों के लिए ईरानी उप राष्ट्रपति मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने संवाददाताओं से कहा, “ट्रंप को यह दिखाना चाहिए कि वे अतीत की गलत नीतियों का पालन नहीं कर रहे हैं.” यानी उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिका को धमकी दी है. क्योंकि अमेरिका इस वक्त इजरायल का खुलकर समर्थन कर रहा है. हालांकि, अघारची ने विश्वास जताया कि लेबनान का अभिजात वर्ग और राजनेता स्थिति को अच्छी तरह समझेंगे और इस कठिन समय को आम सहमति के साथ पार करेंगे. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, "लेबनान हर लेबनानी का घर है और यह देश हमेशा से मुसलमानों और ईसाइयों और अन्य धर्मों के अनुयायियों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भूमि रहा है और रहेगा."
ईरान नहीं चाहता था ट्रंप की वापसी
2020 में IRGC चीफ कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान ने ट्रंप के खात्मे की कसम खाई है. हाल ही के चुनाव में ट्रंप के ऊपर दो हत्या के प्रयास भी हो चुके हैं. शुक्रवार को अमेरिका के विधि मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या किए जाने की ईरान की नाकाम साजिश के संबंध में शुक्रवार को आपराधिक आरोपों की घोषणा की. शिकायत में कहा गया है कि ईरान के अधिकारी ने फरजाद शकेरी नामक व्यक्ति के साथ ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी. इसके अलावा अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप अभियान ने भी ईरान के ऊपर प्रचार प्रभावित करने के लिए साइबर हमलों का आरोप लगाया है. अब देखना होगा डोनाल्ड ट्रंप अपने 2.0 में ईरान के साथ कैसे संबंध स्थापित करते हैं.