इस देश में खाने को पड़े लाले फिर भी अमेरिका से ले रहा टक्कर, और कहा- हम हरा देंगे
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इस देश में खाने को पड़े लाले फिर भी अमेरिका से ले रहा टक्कर, और कहा- हम हरा देंगे

 इस्लामिक गणराज्य आज उत्सव मना रहा है लेकिन घरेलू कठिनाइयों और अमेरिकी पाबंदियों की वजह से देश कठिन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. 

.(फोटो- Mohammad Ali Najib/Al Jazeera)

तेहरान: इस्लामी क्रांति के 40 साल होने के मौके पर सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपने देश के खिलाफ ‘‘साजिश’’ के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना की. तेहरान के ‘आजादी चौराहे’ पर जमा भीड़ को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रूहानी ने कहा, ‘‘समूचे ईरान की सड़कों पर आज लोग उमड़े हैं...यह दिखाता है कि दुश्मन अपने नापाक मंसूबे में कभी कामयाब नहीं हो पाऐंगे.’’ फरवरी 1979 में धार्मिक नेता अयातुल्लाह रूहोल्लाह खमैनी देश वापस लौटे थे और उन्होंने उस क्रांति का नेतृत्व किया जिसने तत्कालीन शाह को सत्ता से बेदखल कर दिया था.

इसी क्रांति की याद में नागरिकों ने राजधानी में मार्च किया. इस जुलूस में बुरका पहनी हुई महिलाएं भी थीं. निर्वासन से लौट कर खमैनी ने क्रांति का नेतृत्व किया और इसी क्रांति की बदौलत तत्कालीन शाह को सत्ता से हटना पड़ा. वर्ष 1979 में एक से 11 फरवरी के बीच यह सब घटनाक्रम हुआ था.

सोमवार का दिन इसी के जश्न का समापन दिन है. इस दौरान एक पहले से तैयार प्रस्ताव को पढ़ा गया जिसमें "सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की निर्विवाद आज्ञाकारिता" की घोषणा की गई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को "मूर्ख" कहा गया. इस्लामिक गणराज्य आज उत्सव मना रहा है लेकिन घरेलू कठिनाइयों और अमेरिकी पाबंदियों की वजह से देश कठिन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है.

देश के सर्वोच्च नेता खमैनी की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है कि वह देश की प्रगति के लिए अगले कदम के बारे में विस्तार से बयान जारी करेंगे. 

इनपुट भाषा से भी 

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