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यरुशलम: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के राजनयिक और मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों ने इजराइल और हमास के बीच पिछले एक सप्ताह से जारी संघर्ष (Israel-Palestine Conflict) को रोकने के लिए एक आपात बैठक की. दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में कई लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कुछ डेमोक्रेट्स के बार-बार आह्वान करने के बाद भी इजराइल (Israel) पर सार्वजनिक रूप से दबाव बढ़ाने के कोई संकेत नहीं दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय आपात बैठक में बताया कि अमेरिका यह लड़ाई रोकने के लिए ‘राजनयिक माध्यमों के जरिए लगातार काम कर रहा है.’
गौरतलब है कि इस वक्त इजराइल और गाजा (Gaza) विद्रोहियों के बीच संघर्ष 2014 के बाद से सबसे खराब स्तर पर है. बाइडेन प्रशासन ने इस लड़ाई में इजराइल की कार्रवाई की आलोचना करने या इलाके में शीर्ष स्तर के दूत को भेजने से इनकार कर दिया है. दूसरे देशों के अनुरोधों पर भी उन्होंने कोई गौर नहीं किया है.
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थॉमस-ग्रीनफील्ड ने आगाह किया है कि सशस्त्र संघर्ष से इजराइल और फिलिस्तीन (Palestine) के बीच बातचीत का विकल्प एकदम खत्म हो जाएगा. वहीं अमेरिका का करीबी सहयोगी इजराइल मामले पर सुरक्षा परिषद से बयान जारी करवाने की चीन, नॉर्वे और ट्यूनीशिया की सभी कोशिशों को फेल कर चुका है.
इजराइल ने जवाबी हमले में गाजा की तरफ सैकड़ों हवाई हमले किए हैं, जहां करीब 20 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं. इजरायल ने गाजा सिटी की सबसे ऊंची इमारत को गिरा दिया. बताया जा रहा है कि इसमें हमास की सेना से जुड़े दफ्तर थे. वहीं शनिवार को एक बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें ‘द असोसिएटेड प्रेस’ और अन्य मीडिया संस्थानों के ऑफिस थे.
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रविवार को हुए हमले में गाजा सिटी में कम से कम 42 लोग मारे गए. वहीं इस संघर्ष में अभी तक गाजा में 55 बच्चों और 33 महिलाओं समेत 188 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं 1,230 लोग घायल हुए हैं. दूसरी तरफ इजराइल में आठ लोगों की मौत हुई है, जिनमें पांच साल का एक बच्चा भी शामिल है.
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