इजरायल हमास युद्ध को 4 महीने बीत चुके हैं. गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अब तक कुल 29000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 69 हजार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इसी बीच इजरायल ने हमास को चेतावनी दिया है कि रमजान से पहले बंधकों को नहीं लौटाया तो रफह में भी हमला किया जाएगा.
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Isreal-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 29 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के नेताओं की मेजबानी करने के लिए कतर की आलोचना की है. हमास के शासन वाले गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (19 फरवरी) को बताया कि बीते 24 घंटे में 107 शव अस्पतालों में लाये गए हैं, जिसके बाद युद्ध शुरू होने से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 29,092 हो गई है. मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि कितने आम लोग और कितने लड़ाके मारे गए हैं. हालांकि, मंत्रालय ने बताया कि मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. साथ ही 69 हजार से अधिक फिलिस्तीनी घायल हुए हैं.
हमास ने किया था इस युद्ध की शुरुआत
पिछले साल सात अक्टूबर को हमास के चरमपंथियों ने दक्षिण इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1,200 के आसपास लोग मारे गए थे, जबकि करीब 250 लोग बंधक बना लिए गए थे. हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था. नवंबर में हुए एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान हमास ने 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया था, जिसके बदले इजरायल ने 240 फिलिस्तीनियों को छोड़ा था.
अभी भी 130 इजरायली हैं बंधक
130 बंधक अब भी चरमपंथियों के कब्जे में है, जिनमें एक चौथाई की मौत होने की आशंका है. रविवार (18 फरवरी) को रिटायर्ड जनरल और नेतन्याहू के तीन-सदस्यीय युद्ध मंत्रिमंडल के सदस्य बेनी गैंट्ज ने चेतावनी दी कि यदि मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत तक बंधकों को मुक्त नहीं किया गया, तो रफह में भी हमले किए जा सकते हैं. रमजान का महीना 10 मार्च के आसपास शुरू होने की उम्मीद है. इजरायल के कट्टर समर्थक अमेरिका ने कहा है कि वह मध्यस्थों- मिस्र और कतर के साथ मिलकर एक और संघर्ष विराम की कोशिश कर रहा है. इसके अलावा बंधकों को छुड़ाने के लिए भी समझौता कराने का प्रयास कर रहा है.
कतर पर नाराज नेतन्याहू
इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास के नेताओं की मेजबानी करने के लिए कतर के प्रति नाराजगी जताई है. उन्होंने कतर से हमास पर दबाव बनाने की अपील की. उधर हमास ने 130 सभी बंधकों को रिहा करने के लिए शर्त रखा है. पहला की इजरायल युद्ध समाप्त करे, और दूसरा उसके सैनिक गाजा से वापस चले जाएं. इसके अलावा हमास ने शीर्ष चरमपंथियों समेत सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की भी मांग की है. नेतन्याहू ने इन मांगों को खारिज कर दिया है.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रविवार को अमेरिकी यहूदी नेताओं के सामने अपने भाषण में कहा कि पिछले साल हुए संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर वार्ता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कतर पर दबाव बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमास पर कतर जितना दबाव कोई नहीं डाल सकता है, उन्होंने हमास के नेताओं की मेजबानी की है. हमास आर्थिक रूप से उन पर निर्भर है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप कतर से हमास पर दबाव बनाने के लिए कहें, क्योंकि हम चाहते हैं कि हमारे बंधक रिहा हों.”
कतर की प्रतिक्रिया
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने नेतान्याहू के बयान को खारिज कर दिया. कतर का कहना है कि उसने हाल के वर्षों में इजरायल अमेरिका और अन्य पक्षों के सहयोग से गाजा को मदद पहुंचाई है. अल-अंसारी ने कहा, “इजरायल के प्रधानमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि कतर पहले दिन से मध्यस्थता के प्रयासों, संकट के अंत और बंधकों की रिहाई को लेकर प्रतिबद्ध रहा है.”
(इनपुट: एजेंसी)