इटली सरकार ने जिस वैक्सीन शिपमेंट को रोका है, उसमें 2.5 लाख वैक्सीन की डोज थी. इटली सरकार ने कहा कि यूरोप में पहले से ही वैक्सीन की कमी है. स्थानीय लोगों को वैक्सीनेशन की जरूरत है. लेकिन कंपनी पहले अपना फायदा देख रही है.
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रोम: इटली सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एट्राजेनेका कंपनी की ओर से बनाई गई वैक्सीन का एक्सपोर्ट रोक दिया है. कोरोना वैक्सीन का ये शिपमेंट ऑस्ट्रेलिया जा रहा था, लेकिन इटली सरकार ने नए नियमों के मुताबिक कड़ा फैसले लेते हुए कहा कि कंपनी पहले इटली में वैक्सीन की जरूरतें पूरी करे, किसी और देश को तबतक कोरोना की वैक्सीन नहीं दी जाएगी. इटली ने कहा कि कंपनी ने जितनी वैक्सीन देने का वादा किया था, उसे उसने पूरा नहीं किया है. ऐसे में कंपनी पहले इटली की जरूरतें पूरी करे, बाद में किसी और देश को कोरोना की वैक्सीन बेचे.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली सरकार ने जिस वैक्सीन शिपमेंट को रोका है, उसमें 2.5 लाख वैक्सीन की डोज थी. इटली सरकार ने कहा कि यूरोप में पहले से ही वैक्सीन की कमी है. स्थानीय लोगों को वैक्सीनेशन की जरूरत है. लेकिन कंपनी पहले अपना फायदा देख रही है. इटली सरकार ने कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कंपनी ने जितनी वैक्सीन देने का वादा किया था, उसकी वैक्सीन इटली को दी नहीं गई. ऐसे में यूरोप के कानून के मुताबिक ही सरकार ने कदम उठाया है और वैक्सीन की 2.5 लाख डोज देश से बाहर जाने से रोक दिया है. इस वैक्सीन का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीनेशन के दौरान किया जाना था.
इटली सरकार के फैसले को लेकर ऑस्ट्रेलिया (Australia) की सरकार ने कोई गंभीर प्रतिक्रिया नहीं दी. ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि उसके देश में कोरोना की स्थिति इतनी खराब नहीं है. हम अगले सप्ताह से अपने ही देश में वैक्सीन का उत्पादन कर लेंगे. और हर सप्ताह करीब 10 लाख डोज तैयार करेंगे. ऐसे में इटली सरकार के फैसले से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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ऑस्ट्रेलिया के शहर केनबरा में शुक्रवार से वैक्सीनेशन का काम शुरू किया गया. प्रशासन के पास पहले से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 3 लाख डोज मौजूद है. जो फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को लगाए जाएंगे. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में फाइजर-बायोनटेक की वैक्सीन भी जल्द पहुंच जाएगी और इसका देश में भी उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा.