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नई दिल्ली: आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन (Pakistan & China) को भी जमकर लताड़ लगाई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन बेखौफ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए मुंबई हमले, पठानकोट में वायु सेना अड्डे और पुलवामा हमले की याद दिलाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आंतकवादियों को पनाह देने से बचना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाना साथ. उन्होंने कहा कि हमें ऐसी दोहरी बातें करने वालों को उजागर करना होगा, जो उन लोगों को सुविधाएं देते हैं, जिनके हाथ मासूमों के खून से रंगे हैं. जयशंकर ने 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा' विषय पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों में वृद्धि इस बढ़ती चिंता को सही ठहराती है. हमारे पड़ोस में, आईएसआईएस-खुरासान अधिक ताकतवर हो गया है और लगातार अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहा है’.
उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को शह मिल रही है और वे बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद हमारे सामने आ रही समस्याओं को लेकर एक चयनात्मक, सामरिक या आत्मसंतुष्ट दृष्टिकोण नहीं अपनाए. हमें कभी भी आतंकवादियों के लिए पनाहगाह उपलब्ध नहीं करानी चाहिए या उनके संसाधनों में इजाफे की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'जब हम देखते हैं कि जिनके हाथ निर्दोष लोगों के खून से सने हैं उन्हें राजकीय आतिथ्य दिया जा रहा है, तो हमें उनके दोहरेपन को उजागर करने से पीछे नहीं हटना चाहिए’.
जयशंकर ने कहा कि भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्याधिक प्रभावित रहा है. 2008 मुंबई हमले के निशान अभी मिटे नहीं हैं. 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले और पुलवामा में हमारे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले की यादें भी ताजा हैं. हमें कभी भी आतंकवाद से समझौता नहीं करना चाहिए. चीन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि देशों को आतंकवादियों को नामित करने के अनुरोध को बिना किसी कारण के लंबित नहीं रखना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है. भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बैठक के बाद परिषद के अध्यक्ष के तौर पर मीडिया को जारी बयान में जयशंकर ने बताया कि UNSC के सदस्यों ने आतंकवाद के सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण का एक स्वर में समर्थन किया है.