Russia-Ukraine War: लगभग पिछले 28 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच खूनी जंग जारी है. इस युद्ध से सिर्फ रूस और यूक्रेन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है. जापान ने चीन के खिलाफ एक बहुत ही कड़ा कदम उठाया है जिसका सीधा संबंध रूस-यूक्रेन युद्ध से है.
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Russia's war in Ukraine: जापान ने चीन पर यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन का आरोप लगाते हुए वहां की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. शुक्रवार को जापान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ जापान प्रतिबंध लगाने की घोषणा करता है.
प्रतिबंधित किए गए फर्म में भारत, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की कंपनियां भी शामिल हैं. जापान विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह पहली बार है जब जापान ने यूक्रेन में युद्ध के सिलसिले में चीन की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्रतिबंधों के तहत जापानी कंपनियों को बैन किए गए कंपनियों को माल निर्यात करने से रोक दिया गया है. बैन किए गए फर्मों में हांगकांग स्थित एशिया पैसिफिक लिंक्स लिमिटेड और शेन्ज़ेन स्थित यिलुफा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भी शामिल है.
रूस के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार
चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब पिछले ही महीने जापान और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की उन कंपनियों पर बैन लगा दी थी जिन पर रूस हथियार सप्लाई करने का आरोप लगा था.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा अन्य पिछली सरकार की तुलना में रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं. इनमें से अधिकांश देशों ने युद्ध में पक्ष लेने से इनकार कर दिया है.
जापान और अमेरिका का रुख एक ही
पिछले साल जापान के हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान किशिदा ने यथास्थिति को बदलने के लिए सेना का प्रयोग करने वाली सरकारों की निंदा करते हुए यूक्रेन के साथ अटूट एकजुटता व्यक्त की थी.
पिछले हफ्ते ही अमेरिका ने भी रूस को मदद करने के आरोप 300 से अधिक व्यक्तियों और फर्मों को निशाना बनाते हुए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इन फर्मों मे चीन, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की की फर्म शामिल हैं.