America-Saudi Arabia Relations: तेल का खेल! OPEC के इस फैसले से बौखलाया US; सऊदी अरब की बढ़ी मुसीबत
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America-Saudi Arabia Relations: तेल का खेल! OPEC के इस फैसले से बौखलाया US; सऊदी अरब की बढ़ी मुसीबत

Saudi Arabia-US Oil Deal: किर्बी ने कहा कि बाइडेन कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार थे, यह सोचने के लिए कि उस रिश्ते (सऊदी अरब के साथ) को आगे कैसे बढ़ाया जाए. हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी तक कोई औपचारिक चर्चा शुरू नहीं हुई थी.

America-Saudi Arabia Relations: तेल का खेल! OPEC के इस फैसले से बौखलाया US; सऊदी अरब की बढ़ी मुसीबत

OPEC Oil Cut: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी अरब के साथ संबंधों पर फिर से विचार करेंगे. वाइट हाउस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सऊदी अरब की अगुआई वाले OPEC ने पिछले हफ्ते तेल उत्पादन में कटौती का ऐलान किया था, जिस पर अमेरिका चिढ़ गया था.  

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'मुझे लगता है कि राष्ट्रपति बहुत स्पष्ट हैं कि यह एक ऐसा संबंध है, जिस पर फिर से विचार करने की जरूरत है और जाहिर तौर पर यह OPEC के फैसले के कारण है. 

अमेरिका हो गया खफा

मॉस्को के नेतृत्व वाले 13 देशों के OPEC संघ और 10 सहयोगियों से पिछले हफ्ते अमेरिका खफा हो गया था. उसने फैसला लिया था कि वह नवंबर से प्रतिदिन दो मिलियन बैरल का उत्पादन घटाएगा, जिस वजह से तेल की कीमतों में तेजी आएगी. जॉन किर्बी ने कहा था, 'मेरे हिसाब से राष्ट्रपति बहुत स्पष्ट हैं कि सऊदी अरब से संबंधों पर फिर से विचार जारी रखना होगा.'

इस फैसले को अमेरिका के मुंह पर कूटनीतिक तमाचे के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि जुलाई में जो बाइडेन ने सऊदी अरब का दौरा किया था. वह वहां क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिले थे.

सऊदी अरब ने किया बचाव

यह बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए भी नाजुक क्षण है क्योंकि नवंबर में मध्यावधि चुनाव होने हैं और बढ़ती महंगाई रिपब्लिक पार्टी के लिए बड़ा मुद्दा है. हालांकि सऊदी अरब ने उत्पादन में कटौती का बचाव किया है. उसने कहा है कि OPEC+ की प्राथमिकता ऑयल मार्केट को संतुलित रखना है. मंगलवार को, सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने अल-अरबिया चैनल को बताया, 'यह कदम विशुद्ध रूप से आर्थिक था और (संगठन के) सदस्य देशों की ओर से सर्वसम्मति से लिया गया था.'

 किर्बी ने कहा कि बाइडेन कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार थे, यह सोचने के लिए कि उस रिश्ते (सऊदी अरब के साथ) को आगे कैसे बढ़ाया जाए. हालांकि उन्होंने साफ किया कि अभी तक कोई औपचारिक चर्चा शुरू नहीं हुई थी.

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