Attack on School by Military: भारत में जहां लोकतंत्र फलफूल रहा है. वहीं पड़ोसी देश में मिलिट्री ने अपनी ही जनता के खिलाफ खून की होली खेली. पड़ोसी देश की मिलिट्री ने स्कूल पर हमला कर 6 बच्चों समेत 13 लोगों को मार डाला.
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Myanmar Military Junta: म्यांमार में मिलिट्री जुंटा शासकों के खिलाफ चल रहे जनता के आंदोलन से निपटने के लिए सैन्य तानाशाह लगातार क्रूर तरीके अपनाने में लगे हैं. मिलिट्री के हेलीकॉप्टरों ने बीते शुक्रवार को एक गांव और एक स्कूल में बमबारी की, जिसमें 7 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल हो गए. जान बचाने के लिए लोग भागकर जंगलों में चले गए. इस हमले के बाद से एक बार फिर म्यांमार में जनता के दमन का दौर तेज हो गया है.
सेना ने शुक्रवार को किया हमला
रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले से लगभग 110 किमी दूर तबायिन के लेट यॉट कोन गांव में शुक्रवार को यह हमला हुआ. स्कूल की एक प्रशासक के मुताबिक बीते शुक्रवार को गांव के उत्तर में म्यांमार आर्मी के चार एमआई -35 हेलीकॉप्टर मंडरा रहे थे. उनमें से 2 हेलीकॉप्टर तो आगे की ओर चले गए. जबकि 2 हेलीकॉप्टरों ने मशीनगनों और भारी हथियारों से स्कूल पर हमला करना शुरू कर दिया.
दो हेलीकॉप्टरों ने स्कूली बच्चों पर बरसाई गोलियां
दोनों हेलीकॉप्टरों से स्कूल के मैदान में खेल रहे बच्चों पर गोलियां बरसाई गईं. स्कूल पर हमला होते देख मैनेजमेंट के लोगों ने उन्हें तुरंत कमरों में ले जाने की कोशिश की लेकिन तब तक स्कूल के 6 बच्चों की गोलियां लगने से मौत हो चुकी थी. मिलिट्री हेलीकॉप्टरों से केवल गोलियां ही नहीं बरसाई गईं बल्कि गोले भी दागे गए, जिससे उसकी बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंचा.
दूसरे गांव में जाकर 7 लोगों को भी मारा
स्कूल पर गोलियां बरसाने के बाद मिलिट्री हेलीकॉप्टरों ने अगले गांव का रुख किया लेकिन तब तक उस गांव के लोग गोलीबारी की आवाज सुनकर जंगल में भाग चुके थे. इसी बीच गांव में फंसा रह गया 13 साल का एक बच्चा मिलिट्री हेलीकॉप्टर में बैठे सैनिकों के निशाने पर आ गया और उन्होंने मशीनगन से गोलियां दागकर उसकी भी हत्या कर दी. उन्होंने 6 अन्य लोगों को भी गोलियों से भूना. दोनों जगहों लाशें बिछाने के बाद मिलिट्री हेलीकॉप्टर वहां से लौट गए.
जुंटा विरोधी आंदोलन से परेशान हैं क्रूर तानाशाह
बताते चलें कि मिलिट्री जुंटा ने सू की के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था. इसके बाद देश के राष्ट्रपति समेत सभी निर्वाचित नेताओं को सेना की नजरबंदी में अलग-अलग जगहों पर कैद कर दिया गया. वे नेता अब भी सेना की कैद में हैं. वहीं देश की जनता अलग-अलग तरीके से सैन्य तानाशाहों का विरोध करने में लगे हैं, जिससे सेना के अफसरों का गुस्सा भड़का हुआ है और वे इस तरह नरसंहार कर अपना गुस्सा शांत में करने लगे हैं.
(एजेंसी भाषा)
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